CM की घोषणा से संविदाकर्मी नाखुश, कहा- त्यौहारी एडवांस नहीं बोनस दे सरकार


प्रदेश के संविदा कर्मियों का मानना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही कोरोना काल में प्रदेश के कर्मचारियों के कामकाज की तारीफ़ की हो लेकिन इसका उन्हें पूरा लाभ नहीं दिया गया है। उल्लेखनीय है कि   संविदाकर्मियों ने कोरोना काल के दौरान काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थी।


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उनकी बात Updated On :
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भोपाल। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीपावली से पहले उपहार दिया है लेकिन  इससे सभी कर्मचारी खुश नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जहां मंगलवार को ही ट्वीट करके मुख्यमंत्री से स्थायी कर्मचारियों को सातवें वेतन मान के एरियर की तीसरी किश्त की शेष पूरी राशि देने के लिए कहा है।

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा प्रदेश के कर्मचारियों के लिए तोहफा नहीं बल्कि चुनावी घोषणा बताया है। इस बीच कर्मचारी दस हजार रुपये के त्यौहारी एडवांस की जगह बोनस की मांग भी कर रहे हैं।

प्रदेश के बहुत से संविदा कर्मियों का मानना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही कोरोना काल में प्रदेश के कर्मचारियों के कामकाज की तारीफ़ की हो लेकिन इसका उन्हें पूरा लाभ नहीं दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि संविदाकर्मियों ने कोरोना काल के दौरान काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थी।

इस बारे में संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कहते हैं

मुख्यमंत्री ने जो दस हजार रुपये का त्यौहारी एडवांस देने की घोषणा की है वह दरअसल कर्मचारियों के लिए उधार या ऋण है।

जिसे उन्हें किश्तों में वापिस भी करना होगा।  कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन मान के एरियर की किश्त का पच्चीस प्रश तो मिल गया लेकिन संविदा कर्मियों के पास केवल दस हजार का ऋण लेने की ही सुविधा है।

संविदा कर्मियों को कोई वैतनिक लाभ भी नहीं मिल रहा है और उन्हें इस एडवांस को अपने वेतन से ही वापस करना होगा।

 

त्यौहारी एडवांस नहीं बोनस दें….

राठौर ने मांग की है कि यदि मुख्यमंत्री कोरोना काल में कर्मचारियों के काम से खुश हैं तो उन्हें एडवांस नहीं बोनस दिया जाना चाहिए और कम से कम संविदा कर्मचारियों को तो यह सुविधा देनी ही चाहिए क्योंकि उनके कल्याण के लिए सरकारी प्रक्रिया पहले ही काफी धीमी चल रही है।

 

दो साल से नियमितिकरण प्रस्ताव नहीं…

सीएम शिवराज के कर्मचारियों को दिए गए इस तोहफे के बाद संविदाकर्मियों के  नियमितिकरण की मांग भी उठ रही है।

संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि शासन ने पांच जून 2018 को संविदाकर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए नीति बनाई गई थी लेकिन दो साल बाद भी किसी भी किसी भी विभाग ने इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा।

इस मामले पर पिछले महीने पूर्व मंत्री और कांग्रेसी विधायक पीसी शर्मा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए थे।

इसके बाद एक बार फिर इस बारे में निर्देश जारी हुआ है जिसमें फिर अधिकारियों से संविदाकर्मियों के नियमितिकरण के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।


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