रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को निवास कार्यालय में वर्षा की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, सिंचाई जलाशयों में पानी की स्थिति, खरीफ फसलों की बुवाई, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के उपायों को लेकर समीक्षा बैठक ली।
इस दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि राज्य में खेतीबाड़ी के लिए लिए पर्याप्त रासायनिक उर्वरकों की कमी है। इसके बाद उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को केंद्र से समन्वय करने के निर्देश दिए। साथ ही रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति के लिए पत्र लिखने को कहा है।
चालू खरीफ सीजन में केंद्र से यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश और सुपर फॉस्फेट को मिलाकर कुल 13.70 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी, जिसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ को मात्र 6.30 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति केंद्र ने की है।
मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी क्षेत्रों में कुल 11 लाख तीन हजार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है जो खरीफ के लिए निर्धारित लक्ष्य का 81% है जबकि किसानों को समितियों और निजी क्षेत्रों से मिलाकर 67% रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है।
HCM Shri @bhupeshbaghel instructed the administration to ensure supply of fertilizer & seeds & promote the use of vermicompost.
He also instructed the ministry official to write a letter to centre to meet the shortage of chemical fertilizers as per state's demand.@fertmin_india pic.twitter.com/IBEePdUCTr— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 13, 2022
बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे भी मौजूद रहे। वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से काफी आगे हैं। रासायनिक उर्वरकों की कमी की पूर्ति काफी हद तक वर्मी कम्पोस्ट की जा सकती है। जानकारों की मानें तो आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाना होगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में पिछले दो-तीन वर्षों में कराए गए नरवा विकास के कार्यों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। तमोरपिंगला और अचानकमार में हाथियों का दल काफी समय से एक स्थान पर है, क्योंकि वहां उन्हें पानी और चारा उपलब्ध हो रहा है। इसी तरह हाथी प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी नरवा विकास के कार्यों को तेजी से करने की आवश्यकता है, इससे हाथी-मानव द्वंद्व कम होगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने किसानों से की फसल बीमा कराने की अपील –
मुख्यमंत्री बघेल किसानों से अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा कराने की अपील की है। खरीफ वर्ष 2021 में 13.77 लाख किसान द्वारा फसल बीमा के लिए 157.65 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया गया था, जिसे मिलाकर कुल 1199 करोड़ रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया गया था, जिसके विरूद्ध चार लाख आठ हजार किसानों को 758.43 करोड़ का बीमा दावा भुगतान किया गया।