खाद की किल्लत से जूझ रहे छतरपुर के किसान, समिति के बाहर मची भगदड़


किसान सुबह से रात तक लाइनों में लगे हैं लेकिन उन्हें जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल पा रहा है।


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छतरपुर में खाद की किल्लत

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खाद की कमी ने किसानों की समस्याओं को गंभीर बना दिया है। बुवाई के मौसम में भी किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं और उनके लिए जरूरी खाद की मिल नहीं पा रही है इसके कारण किसान घंटों लाइनों में खड़े रहने को मजबूर हैं, फिर भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है क्योंकि जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही है। सोमवार, 11 नवंबर 2024 को, छतरपुर में खाद वितरण के दौरान स्थिति अत्यंत विकट हो गई। जवाहर रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक के पास एमपी एग्रो कार्यालय में सुबह 8 बजे से ही किसान खाद प्राप्त करने के लिए एकत्रित होने लगे। अधिकारियों के देर से पहुंचने पर किसानों ने सड़क पर जाम लगा दिया। बाद में, अधिकारियों ने शीघ्र खाद वितरण का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।

टोकन वितरण के समय, भीड़ में भगदड़ मच गई, जिससे छापर निवासी लक्ष्मण सिंह की पैर की दो उंगलियां टूट गईं। घायल किसान ने तहसीलदार की गाड़ी के सामने सड़क पर लेटकर विरोध जताया, जिसके बाद तहसीलदार ने उन्हें अस्पताल भिजवाया। इस घटना के बाद, एमपी एग्रो के कर्मचारी अमन सैनी की सेवा समाप्त कर दी गई, और जिला प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अमन सैनी पर किसानों ने आरोप लगाया था कि उसने खाद की पर्चियां फेंक दी जिसके बाद भगदड़ मच गई।

छतरपुर में खाद की कमी

खाद की किल्लत से परेशान किसान:

कई दिनों से खाद के लिए परेशान रामरति ने बताया, “हम लोग सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे हैं। मेरा बेटा गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोट आई है।” सटई से आए कमलेश पटेल ने कहा, “सुबह 6 बजे से आए हैं। न खाना खाया, न पानी पिया। यहां कहा जाता है कि मंडी जाओ, वहां से एग्रो भेजा जाता है। हम रोज़ परेशान हो रहे हैं।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मध्य प्रदेश का किसान खाद संकट से जूझ रहा है, और सरकार इवेंट और चुनाव प्रचार में व्यस्त है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिलों में भी खाद का भीषण संकट है। किसान पूरी रात जागकर खाद का इंतजार कर रहे हैं, और सरकार आंख-कान बंद कर मस्ती में मस्त है।”

खाद की कमी के कारण किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बुवाई का समय होने के कारण, खाद की अनुपलब्धता से फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। सरकार को तत्काल इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके और कृषि कार्य सुचारू रूप से चल सके।



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