बिलासपुर/बस्तर। बिलासपुर व बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग मांगों को लेकर मंगलवार को रैली निकाली और राज्य सरकार के नाम पर ज्ञापन सौंपा। इसमें मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की गई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अल्प मानसेवी है। कार्य और महंगाई के अनुपात में मानदेय बहुत ही कम है। अन्य पांच सूत्री मांगों की पूर्ति भी अत्यंत आवश्यक है।
संघ द्वारा 22 सितंबर 2021 को भी रैली निकाली गई थी। 10 दिसंबर 2021 से 18 दिसंबर 2021 तक रायपुर में सात दिवसीय धरना दिया गया। इस दो बहनों की मौत भी हो गई।
15 दिसंबर को संघ प्रतिनिधि मंडल को शासन से आश्वासन मिला, लेकिन अब सात माह बीतने के बाद भी कोई मांग पूरी नहीं हुई है। इससे कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में आक्रोश है। इसका असर विभागीय कार्य में भी पड़ना स्वभाविक है।
प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में पूरे प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने शारीरिक श्रम के साथ अपने मानदेय से एक करोड़ रुपये की मदद सरकार को की है। अब बारी सरकार की अपना वादा पूरा करने की है।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में 46660 आंगनबाड़ी केंद्र और 5814 मिनी आंगनबाड़ी हैं जिनमें लगभग एक लाख कार्यकर्ता और सहायिका कार्य करते हैं।
ये हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें –
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए भी नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
- तब तक चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन कर कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाए।
- सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना के लिए नीति निर्धारित हो।
- इसके साथ ही सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकताओं को पांच लाख एवं सहायिकाओं को रुपये तीन लाख राशि एकमुश्त दी जाए।
- सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत-प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती हो।
- मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनवाड़ी बनाने और क्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर समाहित किया जाए।
- कार्यकर्त्ता सहायिकाओं के आसमियिक मृत्यु पर अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान किया जाए।
- जब तक मोबाइल, नेट रीचार्ज नहीं दिया जाता है, तब तक मोबाइल में कार्य ना लिया जाए।