दलित के यहां खाना खाया तो माली समाज ने युवक पर लगा दिया जुर्माना, आहत दलितों ने हिन्दू धर्म ही छोड़ने की दे दी धमकी


राजगढ़ जिले का है यह मामला, दलितों ने इसे अपमान मानकर धर्म छोड़ने की दी धमकी


abdul wasim ansari abdul wasim ansari
उनकी बात Updated On :
jati nahi jaati

राजगढ़। मप्र में जातिवाद किस कदर हावी है इसे लेकर जब-तब खबरें आती रहती हैं। अब एक यह खबर आई है जिसमें दलित समाज के कार्यक्रम में खाना खाने पर एक व्यक्ति को उसके ही समाज के लोगों ने सज़ा सुना दी। यह जातिवाद की सामुहिक सोच का उदाहरण है।

दलित परिवार के घर पर खाना खाने पर मालाकार समाज के एक व्यक्ति को न केवल जुर्माना देने के लिए कहा गया बल्कि उसका मुंडन और स्नान भी कराया गया। खुद को अपमानित महसूस करने वाले दलित समाज ने इसके बाद हिन्दू धर्म छोड़ने की भी बात कह दी। जिसके बाद फैसला बदलना पड़ा।

दरसअल जिले के माचलपुर थाना क्षेत्र का है जहां एक मालाकार  माली समाज का ओम मालाकार दलित समाज के जोड़े की शादी समारोह में निमंत्रित किए जाने पर गया था। यहां उसने सभी के साथ भोजन किया। इस दौरान कई तस्वीरें भी उतारी गईं।

जिले में जातिवाद पहले से ही हावी है ऐसे में कुछ लोगों ने इस युवक की तारीफ़ की तो वहीं कुछ ने इसे गलत बताया। उक्त युवक मालाकार माली समाज से था। इसके बाद पंचायत बैठी और उसे भोजन करने वाले युवक को 5100 रुपये जुर्माना भरने के साथ, क्षिप्रा नदी में स्नान करके शुद्ध होने एवं मुंडन करवाने का फरमान सुना दिया गया। यह बात जब बाहर आई तो वाल्मिकी समाज के लोगों ने इसका खूब विरोध किया।

शनिवार को वाल्मिकी समाज के द्वारा माचलपुर थाना प्रभारी को शिकायती आवेदन सौंपा गया, घटना का ज़िक्र करते हुए इसमें कहा गया कि, 5 जून 2023 को वाल्मीकि समाज के एक शादी समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें मालाकार समाज के एक परिचित व्यक्ति के द्वारा भोजन करते हुए वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मालाकार समाज से सम्बंधित व्यक्तियों के द्वारा रात्रि में समाज की बैठक का आयोजन कर उक्त व्यक्ति को आर्थिक दंड एवं सर मुंडवाने व समाज से बाहर का रास्ता दिखाने का दबाव बनाया जा रहा है।

समाजजनों ने कहा कि, ” इस घटनाक्रम से वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है और समाज अपने आप मे अपमानित महसूस कर रहा है। इस हेतु समस्त वाल्मीकि समाज के द्वारा एक दिवसीय सफाई कार्य बंद कर उक्त समाज के व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग करता है, यदि 3 दिवस में संबंधितों पर कार्रवाई नहीं की गई तो समस्त सफाई कार्य बंद कर दिया जाएगा और समाजजन हिन्दू धर्म से पलायन करने को मजबूर होंगे।”

अपने प्रति लोगों की इस सोच से निराश दलित समाज के युवाओं ने अपना काम रोक दिया और इलाके में साफ सफाई का काम रुक गया। इसके बाद इन लोगों को स्थानीय नगर पालिका के सीएमओ ने भी समझाया। दलित समाज के एक युवक ने बताया कि सामान्य तौर पर उनसे ठीक व्यवहार होता है लेकिन लोगों के मन में जातिभावन गहरी है और वे जब-तब अपनी इस भावना को उजागर कर देते हैं।

इसके बाद देर शाम तक पुलिस ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों ही पक्षो को थाने पर बुलाकर बात की। जिस पर मालाकर समाजजनों ने अपना फैसला वापस लेने की बात कही, जिस पर कोई कार्रवाई न करवाने की बात को लेकर वाल्मीकि समाज ने इसे स्वीकार किया और अपनी शिकायत भी वापस ले ली।

इस प्रकरण पर माचलपुर थाना प्रभारी जितेंद्र अजनारे ने बताया कि,वाल्मीकि समाज के लोगों के द्वारा आवेदन दिया गया था कि उनके यहां शादी के कार्यक्रम में माली समाज के एक व्यक्ति ने खाना खाया था तो समाज के द्वारा उस पर अर्थदंड लगाया था, जिस पर दोनो ही पक्षों के लोगों को थाने पर बुलाकर बातचीत की गई,जिस पर उक्त शिकायती आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं चाहने के लिए लिखित में पुनः आवेदन प्राप्त हुआ है।



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