भोपाल। मध्यप्रदेश में जातिगत भेदभाव और छुआछूत की खबरें आए दिन आती रहती हैं। यह भेदभाव सबसे ज्यादा पिछड़े इलाकों में होता है। एक बार फिर बुंदेलखंड के छतरपुर से ऐसी ही खबरें आई हैं जहां बच्चों से यह जातिगत भेदभाव निभाया जा रहा है।
छतरपुर जिले के संकुल केंद्र मातगुवां में जन शिक्षा केंद्र की बूदौर हरिजन बस्ती की शासकीय प्राथमिक शाला में बच्चों ने बताया कि उन्हें मिड डे मील का खाना थाली में ना परोस कर फेंक कर दिया जाता है, और खाना खिलाने के दौरान इन से अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जाता।
इन बच्चों से कथित तौर पर जातिगत भेदभाव होता है। समाचार एजेंसी एनआईए की कैमरे पर बच्चों ने यह इल्जाम लगाए। इन बच्चों ने बताया कि स्कूल में खाना अच्छा नहीं बनता।
मध्य प्रदेश: छतरपुर में कथित तौर पर अस्पृश्यता के कारण स्कूली बच्चों को फेंक कर खाना दिया जाता है। (02.02)
एक छात्र ने बताया, "यहां पर खाना अच्छा नहीं बनता है रोज आलू की सब्जी, दाल और रोटी ही बनती है। हमें रोटी फेंक कर दिया जाता है।" pic.twitter.com/zovEkbKLle
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 2, 2023
इन बच्चों के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद छतरपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी आरपी लखेरा ने मध्यान भोजन तैयार करने वाले स्व सहायता समूह को काम से हटा दिया है।
अधिकारी ने जातिगत भेदभाव खेल चुके इन बच्चों से बात भी की और बताया कि इस मामले में वे अपने स्तर पर जांच भी कर रहे हैं।
स्कूल के प्राचार्य मथुरा प्रसाद ने बताया कि वे खुद रसोइयों से प्रेषण हैं क्योंकि वे बच्चों को तय मेन्यू नियमानुसार खाना नहीं देते। प्राचार्य ने कहा कि उन्होंने बच्चों की शिकायत पर रसोइयों से छुआछूत को लेकर चर्चा की है, लेकिन रसोइयों ने इस आरोप से इंकार कर दिया था।
छतरपुर जिले में जातिगत भेदभाव की खबरें कोई नई नहीं है। यहां कभी किसी महिला को धार्मिक चबूतरे पर चढ़ने के लिए पीटा गया तो कभी किसी दलित को कुर्सी पर बैठने के लिए मारा गया।