भोपाल। राजधानी भोपाल में बेरोजगारी के खिलाफ धरना और भूख हड़ताल कर रहे वर्ग एक और वर्ग दो तथा तीन के अभ्यर्थी अब बड़ा प्रदर्शन करने वाले हैं।
चार जुलाई को यह अभ्यर्थी राजधानी भोपाल में हजारों की संख्या में जुटेंगे। अभ्यर्थियों ने इसकी तैयारियां काफी पहले से शुरु कर दी है।
हालांकि इस दौरान उन्होंने सरकार को मनाने की काफी कोशिश की और क्रमिक भूख हड़ताल भी की। भोपाल में भूख हड़ताल पर बैठे इन अभ्यर्थियों की तबियत भी बिगड़ती रही, लेकिन सरकार की ओर से कोई खैर खबर नहीं ली गई। इन अभ्यर्थियों को अब विपक्ष का भी साथ मिला है।
साल 2018 के चुनाव घोषणापत्र में शिवराज सरकार सरकार ने सालाना दस लाख भर्ती देने की बात कही थी, लेकिन प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर है और अब सीएम शिवराज के सामने एक और मुश्किल सामने आ रही है।
कागजी आंकड़े से निकलकर ये बेरोजगार अब सरकार के सामने आ खड़े हुए हैं। वर्ग तीन के शिक्षकों के 51 हजार पद देने की मांग की जा रही है वहीं वर्ग दो और एक में भी भर्ती नहीं हुई है।
भोपाल में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास अभ्यर्थी कई दिनों से धरना दे रहे हैं। इनकी मांग है कि सरकार उनके हक की नौकरी उन्हें जल्द से जल्द दे। धरना स्थल पर भागवत कथा भी हुई। इन्होंने बताया कथा सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना के साथ की गई थी।#MadhyaPradesh @BJP4MP #Employment… pic.twitter.com/MXP8itmnRn
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यहां बात साल 2018 में परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों की हो रही है जो पांच साल से लगातार अपनी भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति लगातार आगे बढ़ती रही और चुनाव के समय सरकार ने नई भर्ती शुरू करने की बात कह दी और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक साल 2018 की भर्ती पूरी हो चुकी है और अब यह मांग पूरी नहीं की जा सकती है जबकि राजपत्र में सरकार ने सवा लाख प्राथमिक शिक्षकों के पद खाली होने की बात कही है।
ये अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं, भूख हड़ताल कर रहे हैं लेकिन सरकार या भाजपा की ओर से कोई भी इनसे नहीं पहुंचा है। ऐसे में शिवराज सरकार के प्रति अब इनका गुस्सा बढ़ रहा है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि वे भाजपा को चुनाव में सबक सिखाएंगे।
इससे पहले इन अभ्यर्थियों को विपक्ष का भी साथ मिलता नजर आ रहा है। पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने कई बार इनकी मांगें उठाईं और अब कांग्रेसी नेता घटनास्थल पर पहुंचकर भूख हड़ताल कर रहे अभ्यर्थियों का हाल-चाल भी जान रहे हैं। शुक्रवार को कांग्रेस नेता पीसी शर्मा इन अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे।
वर्ग तीन में 51 हजार शिक्षकों की भर्ती की मांग को विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। इन अभ्यर्थियों की क्रमिक भूख़ हड़ताल बीते एक महीने से जारी है। शुक्रवार को इनके पास कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा पहुंचे। उन्होंने इन अभ्यर्थियों का साथ देने का आश्वासन दिया है। आने वाले दिनों में… pic.twitter.com/17SyhWwFQ3
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वहीं वर्ग एक और दो के चयनित शिक्षक 5 सालों से नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे हैं और 22 जून से डीपीआई के बाहर लगातार भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
अब ये सभी अभ्यर्थी मिलकर 4 जुलाई को आंदोलन करने जा रहे हैं। इसे नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन का सभी साथ मिल रहा है। इसी संस्था ने प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ़ साल भर पहले संघर्ष शुरु किया था। चार जुलाई को होने वाले इस प्रदर्शन में सभी 52 जिलों के अभ्यर्थी शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास अभ्यर्थी पिछले करीब 1 महीने से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं और अब यह सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए राजधानी में जुट रहे हैं। 4 जुलाई को बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भोपाल पहुंच रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उनकी ओर ध्यान नहीं… pic.twitter.com/LrVYQ9QFYV
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वर्ग एक और दो के अभ्यर्थियों ने बताया कि साल 2018 में अभ्यर्थियों ने पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन विभाग की विसंगतियों के कारण आज तक भर्ती अपूर्ण है चयनित शिक्षक अच्छे नंबर लाकर भी नियुक्ति लेने से वंचित रह गए।
गुना से भोपाल पहुंचकर महीने भर से प्रदर्शन कर रहीं अभ्यर्थी रक्षा जैन का कहना है कि जहां लाडले भैया शिवराज सिंह चुनावी वर्ष में प्रत्येक वर्ग की मांगों को पूरा कर उन्हें संतुष्ट कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 1लाख 5 हजार 664 पदों पर भर्ती पूर्ण करने की घोषणा की है जिसमें से वह 55000 की भर्ती कर चुके हैं और बाकी की भर्ती 15 अगस्त तक पूरी करने की कह रहे हैं।
जैन कहती हैं कि उनका लाड़ले भैया शिवराज सिंह जी से कहना है कि हम 2018 से उत्तीर्ण चयनित अभ्यर्थी है लगातार पांच वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं हमारे साथ भी न्याय किया जाए।
शिक्षा विभाग द्वारा पद वृद्धि तृतीय काउंसलिंग के माध्यम से चयनित शिक्षकों को 15 अगस्त तक नियुक्ति पत्र दिए जाएं । 2018 की भर्ती को न्यायसंगत तरीके से पूर्ण किया जाए नई भर्ती परीक्षा 2023 से पहले 2018 की भर्ती पूर्ण की जाए क्योंकि जब पद उपलब्ध है और अभ्यर्थी भी उपलब्ध है तो नई परीक्षा क्यों आयोजित की जा रही है जबकि इन 5 वर्षों में कई अभ्यर्थी आयु सीमा को पार कर चुके हैं इनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
भोपाल में हो रहे इस प्रदर्शन में रचना व्यास, संगीता सिंह, ऋषभ गुप्ता, योगेंद्र लोधी, सुशांत जोशी, सरिता गुप्ता, मंजू लता झारिया आदि सैकड़ों अभ्यर्थी शामिल हैं।