प्राथमिक वर्ग में 51 हजार शिक्षक भर्ती की मांग तेज़, पहले दिन अभ्यर्थियों ने कराया मुंडन


15 अगस्त तक लगातार करेंगे प्रदर्शन इसके बाद मुख्यमंत्री आवास का घेराव


DeshGaon
उनकी बात Published On :

भोपाल। प्रदेश में चरम बेरोजागारी के बीच शिक्षक भर्ती की मांग लगातार जारी है इस बीच प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पद वृद्धि की मांग जारी है। 8 अगस्त मंगलवार से यह मांग और तेज़ हो गई। इस रोज प्रदेश में एक आंदोलन शुरु किया जा रहा है। इसे अगस्त क्रांति कहा जा रहा है। इन अभ्यर्थियों ने पहले ही दिन संकल्प लिया कि वे अपनी मांग के लिए लगातार प्रदर्शन करेंगे। पहले दिन इन्होंने सामुहिक रुप से मुंडन करवाया। इस दौरान सरकार और भाजपा के विरोध में नारेबाजी की।

मंगलवार को लोक शिक्षण संचालनालय के सामने एक बार फिर हलचल बढ़ गई।  51 हजार पद की मांग कर रहे वर्ग तीन परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन अनिश्चितकालीन है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये अभ्यर्थी लगातार सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन करेंगे। हालांकि इससे पहले भी डीपीआई के सामने प्रदर्शन करते आ रहे हैं। ओबीसी के अभ्यर्थी बीते करीब सत्रह महीनों से यहां बैठे हैं और इन्हीं में से वर्ग एक-दो एवं तीन के अभ्यर्थी पिछले करीब तीन महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

पहले दिन जहां अभ्यर्थियों ने मुंडन कराया है अब आने वाले दिनों में आगे दूसरे कई तरह के प्रदर्शन किए जाएंगे। 9 अगस्त को ये भीख मांगकर प्रदर्शन करेंगे, 10 अगस्त को फिर महिला उम्मीदवार बूट पॉलिश करेंगी, 11 अगस्त को चाय पकोड़े बेचेंगे, 12 अगस्त को अर्धनग्न प्रदर्शन, 13 अगस्त को कैंडल मार्च, 14 अगस्त को प्राथमिक शिक्षक भर्ती की अर्थी यात्रा और 15 अगस्त को धरना स्थल पर ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा। इसके बाद अभ्यर्थियों का कहना है कि वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

मंगलवार को शुरु हुए प्रदर्शन में प्रदेश भर से सैकड़ों अभ्यर्थी भोपाल पहुंचे। इस प्रदर्शन की तैयारियां काफी पहले से की जा रहीं थी। अब तक जो अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी नाराजगी इसे लेकर थी कि सरकार या सत्ता धारी दल ने उनकी कभी खबर तक नहीं ली। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार या भाजपा ने उनके रोजगार के बारे में कभी नहीं सोचा। अभ्यर्थियों ने बताया कि उनकी आर्थिक हालत तो लगातार बिगड़ती ही गई, मानसिक रुप से भी वे परेशान रहे हैं।

अभ्यर्थियों ने बताया कि रोस्टर में शिक्षकों के सवा लाख पद खाली हैं लेकिन सरकार इसे नहीं मान रही और अभ्यर्थियों तथा आम लोगों को भ्रमित कर रही है। उम्मीदवारों ने कहा कि प्राथामिक शिक्षकों की परीक्षा बारह साल बाद ली गई और जरुरत से काफी कम पदों पर भर्ती की गई वहीं जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की है उनकी संख्या 1.94 लाख है।

 


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