शिक्षक भर्ती के लिए आंदोलन कर रहे उम्मीदवारों ने DPI के बाहर किया प्रदर्शन

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उनकी बात Updated On :

भोपाल। प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं और इस बार बेरोजगारी का मुद्दा अहम है। तमाम वादों और आश्वासनों के बावजूद शिवराज सरकार अब तक इस मुद्दे को हल नहीं कर पाई है। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी बीते काफी समय से लोक शिक्षण संचालनालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। 8 अगस्त से यह प्रदर्शन और तेज़ हो चुका है और बुधवार को अभ्यर्थियों ने यहां ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के पद होल्ड किए जाने को लेकर अपनी तीखी नाराजगी जताई।

बीते करीब चार सालों से अपनी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। वर्ग एक और दो के अलावा वर्ग तीन के अभ्यर्थी भी डीपीआई के बाहर प्रदर्शनकर रहे हैं। ओबीसी के अभ्यर्थियों का मामला कुछ और पेचीदा हो चला है। पहले उन्हें 27 प्रश आरक्षण के आधार पर नौकरी मिलनी थी लेकिन बाद में कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी और रही सही कसर सरकारी व्यवस्था ने पूरी कर दी। वर्ग तीन में काउंसलिंग के बाद भी काफी संख्या में ओबीसी के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है।

शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों ने बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया।  प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के 7500 पदों पर भर्ती होनी थी। लेकिन अलग-अलग जिलों में केवल 5500 लोगों की नियुक्तियां ही हो सकीं। इसी के विरुद्ध चयनित शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। चयनित शिक्षक इस बात से परेशान है कि आखिर सरकार ने 2000 पदों का क्या किया? चयनित शिक्षकों को इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है।

इसके पहले कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे अरुण यादव ने भी नियुक्तियों के विज्ञापन और इसके बाद हुई भर्तियों का मुद्दा उठाया था और इस भर्ती प्रक्रिया में भी घोटाले की आशंका जताई थी। पिछले दिनों अरुण यादव ने शिक्षक भर्ती की निर्देशिका ट्वीट कर पूछा कि जब विज्ञापन 7500 पदों का निकाला गया, लेकिन जॉइनिंग केवल 5500 अभ्यर्थियों को ही क्यों दी गई?

यादव ने ट्वीट किया, ‘शिक्षक भर्ती में फ़िर से गड़बड़ी? सरकार ने मई 2, 2023 को 7500 शिक्षक भर्ती वर्ग 3 का विज्ञापन निकला। रिटेन क्लीयर करने के बाद काउंसिलिंग के लिए 6500 से अधिक चयनित शिक्षकों को बुलाया।।यानी विज्ञापन से 1000 कम। फ़िर अगस्त 10, 2023 को निकाले एक आदेश के अनुसार अभी तक जिलेवार नियुक्ति सिर्फ 5500 शिक्षकों की हुई। चयनित शिक्षक इस बात से परेशान है कि आखिर सरकार ने 2000 पदों का क्या किया? चयनित शिक्षकों को इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है।’ इसके अलावा वर्ग एक और दो में भी काउंसलिंग के बाद नियुक्ति न देने के कई मामले हैं। यहां कई विषयों में भी पर्याप्त पद नहीं दिए गए।


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