भोपाल में दलित-आदिवासी समाज का बड़ा प्रदर्शन, करणी सेना के जवाब में अब भीम आर्मी दिखाएगी ताकत


प्रदर्शन को कई समाजों का समर्थन मिल रहा है, भीम आर्मी के सदस्य भी बड़ी संख्या में होंगे शामिल


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उनकी बात Published On :

भोपाल। पिछले दिनों प्रदेश में आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने यानी मौजूदा आरक्षण हटाने  की मांग के साथ करणी सेना ने खूब सुर्खियां बटोरीं। ज़ाहिर है यह आंदोलन दलित आदिवासी समाज को मिले अधिकारों को कम करने के लिए था।

इसके बाद अब यह वंचिक समाज मैदान में आने की तैयारी कर रहा है और दावा किया जा रहा है कि इस बार यह समाज प्रदेश में अपनी ताकत पूरी मजबूती से दिखाएगा।

12 फरवरी को दलित आदिवासी समाज के लोग भोपाल पहुंच रहे हैं। भोपाल में भेल मैदान पर इस प्रदर्शन के लिए अनुमति ले ली गई है। इसके बाद भोपाल चलो का नारा दिया जा रहा है। आज़ाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता इस काम में ज़ोर शोर से जुटे हैं।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अस्ते ने बताया कि इस बार प्रदर्शन बड़ा होगा क्योंकि प्रदेश में पिछले दिनों एक समाज को दबाने की कोशिश की गई। सुनील अस्ते ने बताया कि पिछले दिनों करणी सेना के प्रदर्शन के बाद से ही हमने इस प्रदर्शन की घोषणा कर दी थी जिसके बाद से इसे लगातार दबाने की कोशिश की गई। इस दौरान लोगों को ट्रेने रद्द होने की गलत ख़बर भी फैलाई गई। इसके अलावा प्रशानिक तौर पर भी उन्हें प्रदर्शन रद्द करने के लिए हल्का-फुल्का दबाव बनाया गया। अस्ते बताते हैं कि इस दौरान प्रदर्शन की अनुमति मिलना भी मुश्किल हो रही थी।

उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में मप्र के सभी हिस्सों से लोग आ रहे हैं। इस कार्यक्रम  में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्य अतिथि चंद्रशेखर होंगे। उनके साथ भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह भी आएगे। इस तरह यहां भीम आर्मी का एक बड़ा प्रदर्शन होगा। जिसके लिए गांव-गांव से भीम आर्मी के सदस्यों को बुलाया जा रहा है।

इसके अलावा कई दूसरे प्रदेशों से भी लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए ओबीसी महासभा का सहयोग मिला है। इसके साथ ही जयस और दूसरे आदिवासी संगठन के लोग भी पहुंच रहे हैं।

सुनील अस्ते ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार को प्रदेश में बहुजनों, आदिवासियों की मांगों के अलावा किसानों, बेरोजगारों और छात्रों की समस्याओं की स्थिति बताना भी है। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

इसके अलावा इस आंदोलन का उद्देश्य प्रदेश में बिहार की तरह जातिगत जनगणना और ओबीसी समाज के लिए  27% आरक्षण, अल्पसंख्यक समुदाय को उनके अधिकार देना और आदिवासी समुदाय के लिए पेसा एक्ट के नियमों का पालन करवाना है।


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