भोपाल। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय संयुक्त संघर्ष समिति का क्रमबद्ध कार्य बहिष्कार आंदोलन शुक्रवार को 19वें दिन भी जारी है और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों ने शुक्रवार से क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है।
इसके साथ ही साथ प्रत्येक विश्वविद्यालय में सभी संघों के पदाधिकारी एवं सदस्यगण क्रमिक भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं। कर्मचारियों के कामकाज बंद करने से जून की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इससे एक लाख विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है।
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय (बीयू) में शुक्रवार से संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफेसर कालिका यादव, अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर एलएस सोलंकी, राज्य विश्वविद्यालय सेवा पेंशनर संघ के अध्यक्ष डॉ. बी भारती, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की उपाध्यक्ष प्रोफेसर अनिता धुर्वे एवं संयुक्त संघर्ष समिति के सचिव लखन सिंह परमार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
बता दें कि गुरुवार को शाम चार बजे संघर्ष समिति के पदाधिकारी प्रोफेसर कालिका यादव, डॉ. बी भारती एवं सचिव लखन सिंह परमार को उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कर्मवीर सिंह के साथ चर्चा के लिए बुलाया गया था, जहां आयुक्त के साथ लगभग एक घंटा सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई।
चर्चा के दौरान आयुक्त ने पेंशन प्रकरण के संबंध में अवगत कराया कि सातवें वेतनमान से पेंशन दिए जाने संबंधी कार्रवाई त्वरित गति से की जा रही है। फिर भी दो से तीन माह का समय सातवें वेतनमान से पेंशन देने के लिए लग सकता है एवं अन्य मांगों पर भी उचित निर्णय कर कार्रवाई किए जाने की बात भी कही गई।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अनुरोध किया कि जो आप समय सीमा दे रहे हैं, इस संबंध में लिखित में दिशा-निर्देश जारी कर देंगे तो उचित होगा, लेकिन आयुक्त ने लिखित में दिए जाने से मना कर दिया।
समिति के लखन सिंह परमार ने कहा कि जब तक उनकी मांगों के निराकरण के संबंध में लिखित में आदेश जारी नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है।
शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
प्रदेश में संविदा कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स और जो भी विभाग हैं, उन सब में आए दिन हड़ताल हो रही हैं।
इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया है। पहले अधिकारी-कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उन से मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है। इस बदनीयत के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता आप स्ट्रेचर पर लाने वाली है।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 2, 2023