भोपाल। चुनावी साल में सरकार ने नौकरियों के लिए कई ऐलान किए और युवा अब परीक्षा फीस देकर फार्म भर रहे हैं। इस बीच बहुत से युवा भोपाल की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये युवा सरकार से कह रहे हैं कि पांच साल पहले जिन नौकरियों के लिए परीक्षाएं ली थीं उन्हें पास करने के बाद भी आज तक उन्हें नौकरी नहीं मिली है। सोमवार को भी ऐसा ही एक प्रदर्शन हुआ। इस दौरान इन बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के साथ कई दूसरे मंत्रियों के बंगलों के बाहर जाकर प्रदर्शन किया। हालांकि यहां मंत्री नहीं मिले और बेरोजगारों ने उनके पीए को ही ज्ञापन दे दिया।
प्रदर्शन करने वाले रंजीत गौर बताते हैं कि वे 2018 से अब तक दो सौ से ज्यादा बार नौकरी के लिए आवेदन और प्रदर्शन कर चुके हैं। इनमें विभाग से जुड़ा तकरीबन हर बड़ा अधिकारी और सत्तापक्ष का हर बड़ा नेता शामिल है। वे कहते हैं कि हर बार अभ्यर्थी अपने-अपने शहरों से भोपाल आते हैं और मंत्री-अधिकारियों के बंगलों या दफ्तरों के सामने खड़े होकर अपनी नौकरी मांगते हैं लेकिन ज्यादातर बार ये अधिकारी और नेता ध्यान भी नहीं देते।
यहां पहुंचे एक दूसरे अभ्यर्थी कहते हैं कि नेताओं या अधिकारियों के लिए हम बेहद मामूली लोग हैं। हम नौकरी मांग रहे हैं इसलिए हमारी मांगें जरूरी नहीं हैं। अभ्यर्थी कहते हैं कि अक्सर मंत्री हमसे मिलने में कतराते हैं और अब तक कई बार तो ज्ञापन मंत्री अधिकारियों के पीए ही लेते रहे हैं।
मध्यप्रदेश में साल 2018 की शिक्षक भर्ती आज पांच साल बाद तक भी पूरी नहीं हुई है। सोमवार को शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने भोपाल में शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले के सामने प्रदर्शन किया और रैली निकाली। #बेरोजगार @ChouhanShivraj @BJP4MP@INCMP pic.twitter.com/nTvaCNZZpd
— Deshgaon (@DeshgaonNews) February 13, 2023
सोमवार को भी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिलने की जिद करते हुए पात्र अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की और इस दौरान उनकी पुलिस से जमकर झड़प भी हुई। दरअसल मंत्री महोदय प्रवास पर थे और फिर अभ्यर्थियों ने उनके निज सचिव को यह ज्ञापन दे दिया।
अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में अभी तक नाम मात्र की नियुक्तियां हुई हैं जबकि प्रत्येक वर्ष प्रदेश सरकार शिक्षक भर्ती के नाम से करोड़ों रूपये का बजट पारित करती है। अभ्यर्थियों ने कहा कि साल 2018 में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के साथ 62,000 स्थायी शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी जो कि आज तक अधूरी है।
इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने मंत्री परमार के बंगले से लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए जमकर नारेबाजी करते हुए शिक्षक भर्ती पूरी करने की मांग करने लगे। अभ्यर्थी रंजीत गौर ने कहा कि जहां एक और प्रदेश सरकार विकास यात्रा निकाल रही है वहीं शिक्षित बेरोजगार प्रतिदिन रोजगार प्राप्ति के लिए प्रदर्शन यात्रा निकालने के लिए मजबूर हैं क्योंकि इस विकास में हम नहीं हैं।
इस दौरान शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ से रंजीत गौर,रचना व्यास, श्यामलाल,सौरभ मिश्रा,राजाराम राजपाली दिव्यांग अभ्यर्थी टीकमगढ़, मोहनलाल अहिरवार दतिया, जितेंद्र कुमार,मनोज द्विवेदी एवं मंगल सिंह सहित अन्य अभ्यार्थियों ने बतलाया कि सरकार को उच्च एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए तृतीय काउंसलिंग कराते हुए शिक्षक भर्ती पूर्ण करना चाहिए उसके बाद अगली पात्रता परीक्षा आयोजित करना चाहिए।