नई दिल्ली। केंद्र सरकार के द्वारा लागू किये गए तीन कृषि कानूनों को एक साल हो चुका है। इन कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे तले किसान आंदोलन जारी है।
किसान आंदोलन अब तक एक ऐतिहासिक संघर्ष साबित हुआ है। जिसे दस महीने पूरे हो चुके हैं। इन कानूनों के विरोध में सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस बंद का असर पंजाब और हरियाणा में काफी नजर आया। यहां कई ट्रेनों को रोका गया और सड़क यतायात भी प्रभावित हुआ है।
Massive traffic snarl seen at Gurugram-Delhi border as vehicles entering the national capital are being checked by Delhi Police and paramilitary jawans, in wake of Bharat Bandh called by farmer organisations today. pic.twitter.com/dclgkqp3X1
— ANI (@ANI) September 27, 2021
भारत बंद को लेकर दिल्ली में खासी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 26 जनवरी को हुए पिछले बड़े प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में पुलिस काफी सतर्क थी। यहां विरोध के कारण उत्तर प्रदेश से गाजीपुर सीमा की ओर यातायात बंद कर दिया गया था।
वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पंडित श्री राम मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया। यह स्टेशन पश्चिमी दिल्ली में है जो टिकरी सीमा के काफी नजदीक है। यहां काफी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ नारे लगाते देखे गए।
भारत बंद का बिहार के भी कई इलाकों में असर देखा नजर आया। यहां बंद का समर्थन विपक्षी दलों ने किया और इसमें महागठबंधन में शामिल दल भी थे। इसे लेकर कई इलाकों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गए थे।
बिहार में महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों में सड़क पर उतरे।
वैशाली जिले के भगवानपुर में भी आरजेडी के कार्यकर्ता सड़क जाम कर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, सहरसा, बेगूसराय, शेखुपरा में भी बंद कराने के लिए उतरे।
बंद के दौरान सैकड़ों किसानों ने सोमवार को गाजीपुर सीमा पर विरोध किया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे पिछले 10 महीनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बैठे हैं। मेरठ के 52 साल के सूबा सिंह ने कहा कि मैं अन्य किसानों के साथ यहां बैठा हूं और हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक मोदी सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।
भारत बंद’ के मद्देनजर, दिल्ली यातायात पुलिस ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी के साथ राज्य की गाजीपुर सीमा की ओर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है थी।
पंजाब, हरियाणा में सैकड़ों किसानों ने हाईवे जाम किया
सैकड़ों किसानों ने दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 1 सहित प्रमुख राजमार्गों को बंद कर दिया है। पंजाब और हरियाणा में यातायात बुरी तरह प्रभावित होने और कई घंटों तक बाधित होने की संभावना है, क्योंकि किसान, खेत मजदूर, कमीशन एजेंट, ट्रेड और कर्मचारी संघ और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर बैठे रहेंगे।
प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा के राजमार्गों और प्रमुख लिंक सड़कों पर खड़े कर दिए और सड़कों पर बैठ गए। किसानों के विरोध को देखते हुए कानून और अन्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया, क्योंकि किसानों ने हाईवे जाम कर दिया था।
केरल में भारत बंद का असर
केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी और विपक्षी कांग्रेस दोनों सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए एक साथ सामने आए और दक्षिणी राज्य में बंद का लगभग सफल रहा। यहां बाजार, दुकानें और कार्यालय सभी बंद रहे और निजी वाहनों को छोड़कर सभी सार्वजनिक वाहन सड़क से नदारद थे।
Thiruvananthapuram is closed in support of Bharat Bandh today. Several Trade Unions have supported the Bandh call by SKM.#आज_भारत_बंद_है pic.twitter.com/9ukbRkVKIS
— ਸਰਬਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕੰਬੋ (@KamboSarbjit) September 27, 2021
करीब पिछले 18 महीनों से राज्य और पूरे देश में कोविड प्रोटोकॉल से लॉकडाउन के कारण, सोमवार का विरोध केरल का पहला राजनीतिक बंद है। हालांकि, सामान्य दिनों की तरह, इसरो की इकाइयां काम कर रही हैं और इसके कर्मचारियों को सशस्त्र सुरक्षा के बीच उनकी बसों में राज्य की राजधानी में संबंधित इकाइयों में ले जाया गया। सोमवार को होने वाली यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
कर्नाटक में भी बंद
कर्नाटक में राज्य किसान संघ, हसीरू सेने, गन्ना उत्पादक संघ, प्रांत रायता संघ ने राज्य में पूर्ण बंद का आह्वान किया था। उन्होंने राज्य भर के शहरों में राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य सड़कों को अवरुद्ध करने का भी आह्वान किया था। किसान संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर रैलियां निकालने और पूर्ण बंद का पालन करने का फैसला किया है, हालांकि, कई संगठनों ने भारत बंद को केवल नैतिक समर्थन दिया था।
इसे लेकर राज्य सरकार ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक संपत्तियों, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली बसों को नुकसान होने की स्थिति में आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बंद को विपक्षी कांग्रेस, जेडी (एस) दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया है। होटल मालिकों, मॉल के प्रबंधन, व्यवसायियों, दुकान मालिकों और स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि वे बंद में भाग नहीं लेंगे।
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