‘खेती पर कॉर्पोरेट का कब्जा कराने के लिए लाए गए हैं तीनों कृषि कानून’


– किसान विरोधी कानून वापस नहीं हुए तो देशभर में किसान और मजदूर मिलकर आंदोलन तेज करेंगे।
– किसान और मजदूर संगठनों ने मिलकर पीथमपुर में धरना, प्रदर्शन और जुलूस निकाला और चक्का जाम भी किया।


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उनकी बात Updated On :
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इंदौर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और अखिल भारतीय किसान मोर्चा के आह्वान पर तीनों किसान कानून वापस लेने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के समर्थन में छह फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम और प्रदर्शन की घोषणा के समर्थन में इंदौर संभाग के सभी किसान संगठनों द्वारा तहसील कार्यालय पीथमपुर के समक्ष धरना दिया गया और एक घंटे तक प्रदर्शन भी किया।

उसके बाद यहां से जुलूस निकला जो पीथमपुर-नीमच हाइवे से होते हुए निकला तो सड़क जाम हो गई। बाद में हुई सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून देश को बर्बाद करने वाले कानून हैं और यदि यह लागू किए गए तो ना केवल किसानी बर्बाद होगी बल्कि मजदूर, छोटे दुकानदार और आम आदमी रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो जाएगा तथा खेती किसानी पर कॉर्पोरेट का कब्जा हो जाएगा इसलिए यह आंदोलन बिल वापस लेने तक चलाया जाना जरूरी है।

आज के इस प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, विजय शर्मा, दिनेश सिंह कुशवाह, प्रमोद नामदेव, नवीन मिश्रा, प्रसन्ना मंडोलिया, मुन्नालाल साहनी, विजय चौहान आदि ने किया। सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि पिछले 73 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। दूसरी तरफ किसानों के साथ दुश्मनों से भी ज्यादा दुष्टता का व्यवहार करती दिखाई दे रही है।

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में इंदौर, बड़वानी, धार, पीथमपुर और आसपास के इलाकों के मजदूर और किसानों ने भागीदारी की। यह प्रदर्शन किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन, प्रतिभा मजदूर यूनियन, जनता श्रमिक संघ सहित विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से प्रमोद नामदेव, छेदीलाल यादव, रामस्वरूप मंत्री, जय यादव, विजय शर्मा, मुन्नालाल साहनी, विजय चौहान, प्रसन्ना मंडोलिया, उमाकांत मिश्रा, बब्बू यादव सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रमिक, इंदौर संभाग के कई जिलों के किसान शरीक थे।


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