इंदौर बुधनी रेल लाइन: किसानों के विरोध को टालते हुए शिवराज सिंह चौहान ने अपने वादों पर भी साधी चुप्पी


पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भेरूंदा में किसानों के विरोध को नजरअंदाज कर गाड़ी से ही संवाद किया। इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन प्रभावित किसानों ने उनके वादों की याद दिलाई और उन्हें इस्तीफा देने की चेतावनी दी। किसानों का कहना है कि चौहान ने चुनाव पूर्व कई वादे किए थे, जिन्हें पूरा नहीं किया गया।


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उनकी बात Updated On :

पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान किसानों ने गंभीर आरोप लगाए। इंदौर बुधनी रेलवे लाइन से प्रभावित किसानों ने गुरुवार को भेरूंदा गांव में एकत्रित होकर शिवराज सिंह चौहान का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने गाड़ी से ही संवाद किया और वहां से चुपचाप निकल गए।

 

पूर्व जनपद सदस्य और वरिष्ठ किसान नेता हंसराज मंडलोई ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी कि शिवराज सिंह चौहान के बुधनी में आगमन की खबर मिलते ही प्रभावित किसान सूरत सिंह मकवाना के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भेरूंदा में इकट्ठा हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह ने किसानों से मिलने का कोई प्रयास नहीं किया और उनके आक्रोशित होने की संभावना को देखते हुए गाड़ी में ही संवाद किया।

किसानों ने शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव पूर्व मां नर्मदा के किनारे पर कसम खाई थी कि किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और उनकी सभी मांगों को पूरा करेंगे। अब चुनाव जीतने के बाद भी वे अपने वादों को निभाने में विफल रहे हैं। किसानों ने कहा कि अगर शिवराज सिंह अपने वादे नहीं निभा सकते, तो उन्हें नैतिकता के नाते केंद्रीय कृषि मंत्री और सांसद पद से इस्तीफा देना चाहिए।

 

किसानों ने पूर्व मुख्यमंत्री से मांग की कि वे वादे के मुताबिक बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा मुआवजा दें और प्रभावित परिवारों के युवाओं को नौकरी दिलाएं। इसके अलावा, इंदौर बुधनी रेलवे लाइन के मार्ग को सरकारी और वन भूमि से हटाकर पुनः ड्राइव किया जाए। इस दौरान तीन जिलों के किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे और अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे थे।


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