आदिवासी युवती की संदिग्ध मौत के बाद हंगामा, सामूहिक दुष्कर्म का आरोप, पुलिस की फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत


आदिवासियों ने थाने पर पथराव किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया


अरूण सोलंकी
उनकी बात Updated On :

इंदौर। महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र में बुधवार को एक आदिवासी समाज की युवती की मौत हो गई। इस दौरान हादसा हंगामा होता रहा और पहली थाने पर पथराव हुआ जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और करीब 30 राउंड हवाई फायरिंग की। यहां एक गोली प्रदर्शन में शामिल भेरूलाल नाम के आदिवासी युवक को लग गई जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

 

इस घटना के बाद मौके पर तनाव और बढ़ गया। इस दौरान कलेक्टर इलैयाराजा टी और कई पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना को दुखद बताया है और घटना की जांच के लिए अपने दल की ओर से तीन आदिवासी विधायकों को घटनास्थल पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश की तुलना जंगल जंगल राज से की है और कहा है कि मध्य प्रदेश आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में पहले नंबर पर है और पुलिस के द्वारा की गई इस फायरिंग के बाद आदिवासियों को और भयभीत कर दिया है।

इससे पहले युवती की मौत के बाद बुधवार रात करीब 8 बजे परिजन युवती का शव लेकर डोंगरगांव चौकी पहुंच  शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया। इसके बाद यह मामला और गंभीर होता गया आदिवासी युवा जहां आक्रोशित थे और पुलिस पर लगातार दबाव बना रहे थे।

दरअसल, पुलिस और प्रशासन के साथ बातचीत के दौरान आदिवासी समाज का गुस्सा काफी बढ़ गया और उन्होंने आरोपी को अपने हवाले करने की बात कही और इसकी जिद करने लगे।।मामला इतना बढ़ गया कि आदिवासी युवाओं ने पुलिस थाने पर पथराव किया जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और  पुलिस को करीब 8 आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े तथा 6 हवाई फायर करने पड़े। इस झड़प में आदिवासी युवा और पुलिस दोनों ही घायल हुए हैं। घड़ी द्वारा की गई पत्थरबाजी में करीब 8 पुलिसवाले घायल हुए हैं इनमें डोंगरगांव के टीआई भी शामिल हैं।

इससे पहले युवती की मौत की सूचना पुलिस ने उसके परिजनों को दी थी और फिर सिविल अस्पताल में पीएम करवाया था। बडगौंदा थाने पर आदिवासी नागरिक लगातार इकट्ठा हो रहे थे और पुलिस पर एफ आई आर दर्ज करने का दबाव बना रहे थे इसके बाद पुलिस ने इस पर हामी भर दी और  इसके बाद धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज होने की बात पर समाजजन सड़क से हटे और थाने के सामने खड़े होकर नारेबाजी करने लगे।

 

मृतका के पडोसी शिवराम के अनुसार कविता पिता पांचीलाल 23 वर्ष निवासी खरगोन जिला धामनोद में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करती थी लेकिन बुधवार को उसके मरने की खबर लगी तो महू सिविल अस्पताल पहुचे। यहां पर पता चला कि कविता गवली पलासिया निवासी यदुनंदन पाटीदार के घर थी। जहां पर उसकी मौत हुई।

परिजनों ने आरोप लगाया कि युवक कविता का अपहरण कर लाया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई है। वहीं पुलिस के अनुसार यदुनंद ने बताया कि कविता को उसकी पत्नी बताया है। जिससे वह शादी करके उसके साथ रह रहा था और बुधवार को पानी गर्म करते समय उसे करंट लगा और उसकी मौत हो गई। वहीं पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

जिसमें आदिवासी नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे उस समय यदुनंदन पाटीदार थाने के अंदर मौजूद था। आदिवासी समाज जन जान के बदले जान के नारे लगाने लगे और मांग करने लगे कि पाटीदार को उनके हवाले कर दिया जाए।

इसके बाद पुलिस ने काफी समझाने की कोशिश की लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस ने सख्ती बरतते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़ दिया जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई। खबर लिखे जाने तक डोंगरगांव थाने के सामने अफरा-तफरी मची हुई थी।


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