प्रदेश के 9 हजार सरकारी डॉक्टर करने जा रहे हैं हड़ताल, सरकार के उदासीन रवैये से हैं परेशान


वेतन विसंगति और केंद्र की तरह डीएसीपी लागू करने की है मांग, कहा पुरानी पेंशन भी मिलनी चाहिए।


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उनकी बात Published On :
मप्र में चिकित्सा बचाओ यात्रा File photo


भोपाल। पिछले दिनों संविदा कर्मियों की हड़ताल के बाद अब प्रदेश के डॉक्टर भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। इन डॉक्टरों की वेतन विसंगतियां, प्रमोशन और पेंशन संबंधी मांगें हैं जिन पर काफी समय से ध्यान नहीं दिया गया है। डॉक्टरों की मांगों का समर्थन करते हुए अब नर्सिंग होम एसोसिएशन और यूनाइटेड डॉक्टर्स फेडरेशन ने भी इन्हें अपना सर्मथन दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे आने वाली 17 फरवरी से फिर हड़ताल पर जाएंगे।

मप्र के डॉक्टर अब सरकार के खिलाफ खड़े हैं। ये डॉक्टर 15 फरवरी से काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर किसी भी तरह ध्यान नहीं दे रही है ऐसे में उनके सामने हड़ताल के अलावा अब दूसरा रास्ता नहीं बचा है। इन डॉक्टरों ने पिछले दिनों चिकित्सा बचाओ यात्रा निकाली थी यह यात्रा प्रदेश के 38 जिलों से होकर गुजरी लेकिन सरकार ने इसके बावजूद भी डॉक्टरों पर ध्यान नहीं दिया। सरकार के इस रवैये से डॉक्टर नाराज़ हैं।

शासकीय चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इस बारे में बताया कि प्राइवेट नर्सिंग होम और यूनाइटेड डॉक्टर्स फेडरेशन ने भी उनकी मांगों को सर्मथन दिया है। उन्होंने बताया कि यह पहली बार हो रहा है जब प्रदेश में सभी विभागों के सरकारी डॉक्टर्स और जूडा भी किसी हड़ताल में एक साथ शामिल हो रहे हैं।  मालवीय ने बताया कि इससे पहले जो भी हड़ताल हुई है, उनमें कभी जूडा, मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स तो कभी हेल्थ डिपार्टमेंट के डॉक्टर शामिल रहे हैं।

हड़ताल में शामिल होने वाले डॉक्टरों ने बताया कि बीते पांच वर्षों से सरकार से ये मांगें की जा रहीं हैं लेकिन सरकार ने इस विषय पर गंभीरता से ध्यान ही नहीं दिया है। ऐसे में सभी प्रमुख यूनियन इस मांग में शामिल हो रही हैं। इस हड़ताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा जिला अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब 8800 डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल होंगे। इनमें चिकित्सका शिक्षा विभाग, दंत चिकित्सा विभाग और गैस राहत विभाग के डॉक्टर भी शामिल होंगे।

हड़ताल करने जा रहे  डॉक्टरों ने बताया कि मध्य प्रदेश में लंबे समय से उनका प्रमोशन रुका हुआ है और इसके साथ ही कई वेतन विसंगतियां भी हैं। इन डॉक्टरों की मांग है कि DACP (Dynamic Assured Career Progression) यानी समय बद्ध पदोन्नति लागू करने, पुरानी पेंशन देने जैसी मांगें शामिल हैं। इसके अलावा डॉक्टर चाहते हैं कि मेडिकल कार्यों के दौरान प्रशासकीय अधिकारियों किये जाने वाले गैरजरूरी व्यवधान रोके जाएं।

 


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