झाबुआ। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ के 200 की संख्या में छात्रों ने बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए छात्रवृति व अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट की तरफ कूच किया।
मूसलाधार बारिश के बावजूद भी ये छात्र भूखे-प्यासे ही 32 किलोमीटर चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन जिला कलेक्टर साहब को उनसे मिलने का समय भी नहीं मिल पाया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झाबुआ जिले के थांदला स्कूल के तकरीबन 200 छात्र गुरुवार सुबह 11 बजे स्कूल से निकले थे। रास्ते में भूखे-प्यासे बारिश की मार झेलते हुए करीब शाम साढ़े पांच बजे वे कलेक्ट्रेट पहुंचे।
इस देश में बहुत कुछ हो रहा है जो आपको देखना चाहिये,ये आदिवासी बहुल झाबुआ में थांदला के छात्र हैं बरसात में भूखे प्यासे 30 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर कलेक्टर से मिलने पहुंचे. जर्जर भवन, स्कॉलरशिप, पढ़ाई जैसे कई मुद्दे हैं. @ndtv @ndtvindia @ravishndtv pic.twitter.com/bga3HQ9lm0
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 2, 2022
9वीं से 12वीं तक के करीब 200 की संख्या में ये छात्र 32 किलोमीटर पैदल चले जिसकी वजह से कई छात्रों की हालत बिगड़ गई। कुछ छात्र तो शरीर में ग्लूकोज की कमी की वजह से कलेक्ट्रेट के बाहर ही बेहोश होकर गिर पड़े।
बीमार छात्रों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। छात्र 32 किलोमीटर दूर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट तो पहुंच गए, लेकिन जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा को इनसे मुलाकात का समय नहीं मिला।
इतनी तकलीफों-परेशानियों को झेलते हुए ये छात्र कलेक्ट्रेट में कलेक्टर साहब का इंतजार करते रहे, लेकिन इसके बावजूद वे नहीं आए। छात्र जब कलेक्टर साहब से मिलने की जिद पर अड़े तो जिला पंचायत सीईओ को छात्रों से मिलने के लिए भेजा गया।
हालांकि, उन्होंने भी इन छात्रों से थोड़ी-बहुत बात की और वापस चले गए, लेकिन ये नहीं बताया कि छात्रवृत्ति कब मिलेगी।
इन छात्रों के मुताबिक, पिछले सत्र की छात्रवृत्ति भी उन्हें नहीं मिली है। स्कूल के प्रिंसिपल को इस बारे में कई बार कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि हम सभी गरीब हैं और हमें छात्रवृत्ति की सख्त जरूरत है। छात्रवृति नहीं मिलेगी तो हम पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे। कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे छात्रों के लिए देर शाम बस की व्यवस्था की गई और उन्हें वापस अपने घर भेज दिया गया।