भोपाल। मध्यप्रदेश के दो लाख शिक्षकों का त्योहार फीका पड़ रहा है क्योंकि उन्हें पिछले माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। इनमें करीब डेढ़ लाख प्राथमिक और 50 हजार सहायक शिक्षक शामिल हैं।
वहीं, इस मामले में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा है कि संविलियन के कारण प्राथमिक शिक्षकों के बजट का मद बदल गया है। इस संबंध में वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है, जल्द ही भुगतान होगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण वेतन नहीं मिला है। एक-दो दिन में इसे सुधार लिया जाएगा।
दूसरी तरफ, शिक्षकों और शिक्षकों के संगठनों का कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों का संविलियन हुए एक साल हो गया, लेकिन सहायक शिक्षक तो पुराने हैं, फिर उन्हें क्यों नहीं वेतन मिल रहा?
शिक्षक संगठन इस मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी कर रहा है। मप्र शिक्षक कांग्रेस, शासकीय अध्यापक संगठन और शिक्षा समिति मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का कहना है कि अगर एक-दो दिन में वेतन नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे।
उनका तर्क है कि हर बार प्राइमरी शिक्षकों का ही वेतन नहीं मिलता। त्योहार के समय में ऐसा होता है। रक्षाबंधन पर भी समय से वेतन नहीं मिला था।
विभाग के प्राथमिक मद में बजट ही नहीं है। इस कारण प्रायमरी के शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। हर बार ऐसी समस्या आ रही है। शासन ने विभाग को बजट ही नहीं भेजा है। – उपेंद्र कौशल, प्रदेश संयोजक, शासकीय अध्यापक संगठन
हर त्योहार के समय प्राथमिक शिक्षकों का ही वेतन अटक जाता है। अगर एक-दो दिन में वेतन नहीं मिला तो 20 अक्टूबर को सभी धरना पर बैठ जाएंगे। – सुभाष सक्सेना, जिलाध्यक्ष, मप्र शिक्षक कांग्रेस
बजट की परेशानी नहीं है। संविलियन के कारण प्राथमिक शिक्षकों का मद बदल गया है। वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया गया है। जल्द वेतन मिल जाएगा।- इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री