खरगोन में पहली किसान महापंचायत, कक्काजी बोले- कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने की साजिश


मध्यप्रदेश के खरगोन में सोमवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी खूब गरजे।


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खरगोन Updated On :
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इंदौर/खरगोन। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली से लेकर हर गांव-कस्बे में विरोध जारी है। इस बीच मध्यप्रदेश में भी इन कानूनों के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में प्रदेश के खरगोन में सोमवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी खूब गरजे।

कक्काजी ने नए कृषि कानूनों को किसानों के साथ धोखा बताया और कहा कि सरकार किसानों पर जबरर्दस्ती कानून थोप रही है। इससे खेतीहर किसान, मजदूर के परिवारों के सामने भारी संकट खड़ा हो जाएगा। उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह पूरा खेल रचा गया।

इस कार्यक्रम को संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र मिश्रा ने भी संबोधित किया। किसान महापंचायत के पहले खरगोन में एक रैली निकाली गई। किसानों के समर्थन में आयोजन के पूर्व कुंदा तट स्थित सिद्धीविनायक गणेश मंदिर से रैली निकाली गई। इसके बाद किसान कलेक्टोरेट तक पैदल पहुंचे।

बस स्टैंड पर गजानंद सोनी प्रतिमा के सामने सभा का आयोजन किया गया, जिसमें खरगोन, सेगांव, कसरावद, महेश्वर, बड़वाह और भीकनगावं क्षेत्र से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। इस सभा में करीब एक घंटे तक वक्ताओं ने मंच से अपनी बात रखी।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि किसानों की फसल को एमएसपी के साथ समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार दें। लागत खर्च बढ़ने से खेती वैसे ही घाटे का सौदा हो गई है। लंबे समय से किसान अपनी उपज के लाभकारी मूल्य देने की मांग करते आ रहे हैं। समर्थन मूल्य से नीचे कोई भी व्यापारी किसानों का अनाज नहीं खरीदे।

इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवकुमार कक्काजी ने कहा कि कई किसानों को सरकार द्वारा लाए गए किसान कानूनों के बारे में जानकारी नहीं है, जिसे विस्तार से किसानों को बताया जाएगा। यह अभियान एक तरह का जनजागरण अभियान होगा।

इसके साथ ही कक्काजी ने कहा कि संसद में राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस सांसदों ने किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई थी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं, लेकिन सबसे बड़ी निर्लज्जता ये थी कि उस समय भाजपा के सांसद श्रद्धांजलि ना देते हुए इस दौरान शोर मचा रहे थे और उपहास कर रहे थे।

इतना ही नहीं कक्काजी ने सुप्रीम कोर्ट की साख पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अब वो गुणवत्ता नहीं रह गई है। जब चीफ जस्टिस देश का यौन शोषण के मामले में दोषी हो और उसकी सुनवाई वो खुद करे और तीन महीने बाद वो राज्यसभा में चले जाए तो निश्चित तौर पर सर्वोच्च न्यायालय की साख गिरी है।


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