दमोह के गंगा जमना स्कूल में धर्म परिवर्तन का मामला, भाजपा नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी के चेहरे पर पोती स्याही


स्कूल के एक शिक्षक और दो शिक्षिकाएं पूर्व में हिन्दू धर्म से थे अब वे इस्लाम स्वीकार कर चुके हैं।


DeshGaon
दमोह Updated On :
दमोह में जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही फेंकी गई


भोपाल। दमोह के गंगा जमना नाम के एक स्कूल में लड़कियों के स्कार्फ से शुरु हुआ विवाद अब धर्म परिवर्तन तक पहुंच गया है। जांच में यह तथ्य सामने आया जिसके बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्थानीय जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा के चेहरे पर स्याही पोत दी। इसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।

मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज सहित कुछ लोगों ने स्याही फेंक दी। इन्होंने अधिकारी के चेहरे पर स्याही लगाई भी और इस दौरान जय श्री राम के नारे भी लगाए।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शिक्षा अधिकारी का कहना है कि कुछ संदिग्धों ने यह हरकत की है। उन्होंने अचानक से स्याही फेंकी। मैं उनके नाम जानता हूं। वे गंगा-जमना मामले में यह सब कर रहे हैं, जबकि इस मामले में मेरा सीधा कोई लेना-देना नहीं है।

उल्लेखनीय है कि स्कूल में हिंदू छात्राओं को स्कार्फ या हिजाब पहनाया जा रहा था और इसे लेकर विवाद शुरु हुआ। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हस्तक्षेप किया और अब स्कूल की मान्यता रद्द की जा चुकी है।

इस बीच स्कूल के एक शिक्षक और दो शिक्षिकाओं के बारे में जांच की गई तो पता चला कि उनके पिता के नाम हिन्दू हैं। इन सभी ने बताया कि पूर्व में वे हिन्दू थीं लेकिन अब इस्लाम अपना चुकी हैं। जिसके बाद यह मामला और गर्मा गया।

पिछले पांच दिनों से चल रहे हंगामे के बाद मंगलवार दोपहर स्कूल की तीनों शिक्षिकाएं कलेक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने अपने मूल दस्तावेज स्थापना कक्ष में मौजूद अधिकारियों को दिखाए।

इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण जैसे आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे बालिग थीं और अपनी मर्जी से प्रेम विवाह करते हुए अपना धर्म परिवर्तित किया है।

हालांकि स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक स्कूल काफी हद तक संदेह के घेरे में है क्योंकि जांच के दौरान कई बच्चियों ने यह बताया था कि उन्हें दबाव डालकर इस्लामिक पद्धति से पढ़ाया जाता है।

वहीं स्कूल संचालकों और वहां की शिक्षिकाओं से अब तक बातचीत नहीं हो सकी है। इस मामले में उनका पक्ष अब तक पूरी तरह से शामिल नहीं रहा है।


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