18 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को 15 जुलाई से 75 दिनों तक मुफ्त लगाया जाएगा कोरोना का बूस्टर डोज


हालांकि फ्री डोज अगले 75 दिन के लिए ही उपलब्ध होगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी मीडिया को दी।


DeshGaon
Kaam ki baat Published On :
covid-19-vaccine

नई दिल्ली। भारत में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त मिलेगा। बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सभी सरकारी अस्पतालों में 15 जुलाई से बूस्टर या प्रिकॉशन डोज लगवाया जा सकेगा।

हालांकि फ्री डोज अगले 75 दिन के लिए ही उपलब्ध होगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी मीडिया को दी।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भारत आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस मौके पर ये फैसला लिया गया है कि 15 जुलाई 2022 से अगले 75 दिनों तक 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त में बूस्टर डोज दी जाएगी। 18 से 59 साल तक की उम्र के लोगों को यह सुविधा सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मिल सकती है।

बता दें कि इससे पहले सिर्फ सीनियर सिटीजन और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए ही कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त था। वहीं, अभी देश में कोरोना वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज मुफ्त है, जबकि बूस्टर डोज के लिए भुगतान करना होता है।

अस्पतालों में इसके लिए करीब 400 रुपये देने पड़ते हैं। देश की एक बड़ी आबादी के लिए ये भी कुछ कम नहीं। इसे देखते हुए सरकार ने खुद ही सभी को बूस्टर डोज लगवाने का फैसला कर लिया।

इधर, देश में मंगलवार को 16,107 नए कोरोना केस सामने आए हैं। यह पिछले दिन की तुलना में 5,392 ज्यादा है। इस दौरान मौतों की संख्या भी 17 से बढ़कर 45 हो गई। एक्टिव मरीजों की संख्या 131,589 है। सोमवार को यह आंकड़ा 1,30,456 था। ठीक होने वालों की संख्या 15,070 दर्ज की गई।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में कोविड के प्रिकॉशन डोज को बूस्ट करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

अभी तक 18-59 साल के बीच आने वाली 77 करोड़ की टारगेट पॉपुलेशन में से 1% से भी कम को प्रिकॉशन डोज लगा है। 60 साल या उससे ज्यादा उम्र की करीब 16 करोड़ आबादी के साथ करीब 26% हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही बूस्टर डोज मिला है।

ICMR समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की स्टडी में पता चला है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक के करीब 6 महीने बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाता है। बूस्टर डोज देने पर इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ता है। इसी वजह से सरकार 75 दिन के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।

इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते वैक्सीन की दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया था। वैक्सीनेशन में तेजी लाने और बूस्टर शॉट्स को बढ़ावा देने के लिए 1 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘हर घर दस्तक अभियान 2.0’ शुरू किया गया था। दो महीने का यह कार्यक्रम अभी चल रहा है।





Exit mobile version