नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शुक्रवार, 10 मार्च 2023 को “महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण” के विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है और इसे वैश्विक मंच पर ले जा रहा है।
G20 शिखर सम्मेलन में महिलाओं के नेतृत्व में विकास महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट महिला नेतृत्व वाले विकास के इन प्रयासों को नई गति देगा। उन्होंने कहा नारी शक्ति भारत की स्पीड और स्केल को बढ़ा रही है।
पीएम मोदी ने वेबिनार में अपनी बात रखते हुए कहा, सरकार द्वारा आयोजित 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला का आज यह 11वां वेबिनार है।
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट को देश ने 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की पूर्ति के एक शुभारंभ के रूप में देखा है। बजट को भावी अृमतकाल की दृष्टि से देखा और परखा गया है। ये देश के लिए शुभ संकेत है कि देश के नागरिक भी अगले 25 वर्षों को इन्हीं लक्ष्यों से जोड़कर देख रहे हैं।
‘बीते 9 वर्षों में देश वीमेन लेड डेवलपमेंट के वीजन को लेकर आगे बढ़ा’
पीएम ने कहा बीते 9 वर्षों में देश वीमेन लेड डेवलपमेंट के वीजन को लेकर आगे बढ़ा है। भारत ने अपने बीते वर्षों के अनुभव को देखते हुए वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट के प्रयासों को वैश्विक मंच पर भी ले जाने का प्रयास किया है। इस बार भारत की अध्यक्षता में हो रही G20 की बैठकों में भी ये विषय प्रमुखता से छाया हुआ है। इस वर्ष का बजट भी वीमेन लेड डेवलपमेंट के इन प्रयासों को नई गति देगा और इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है। यह कहते हुए पीएम मोदी ने बजट में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
‘उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में नारी शक्ति का सामर्थ्य भारत की अनमोल शक्ति’
पीएम ने कहा, नारी शक्ति की संकल्प शक्ति, इच्छा शक्ति, उनकी कल्पना शक्ति, उनकी निर्णय शक्ति, त्वरित फैसले लेने का उनका सामर्थ्य, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनकी तपस्या, उनके परिश्रम की पराकाष्ठा ये हमारी मातृशक्ति की पहचान है, ये एक प्रतिबिम्ब है। जब हम वीमेन लेड डेवलपमेंट की बात कहते हैं तो उसका आधार यही शक्तियां हैं। मां भारती का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में नारी शक्ति का ये सामर्थ्य भारत की अनमोल शक्ति है। यही शक्ति समूह इस शताब्दी में भारत के स्केल और स्पीड को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।
‘भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है’
उन्होंने कहा कि आज हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन महसूस कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने जिस प्रकार वीमेन एम्पावरमेंट के लिए काम किया है आज उसके परिणाम नजर आने लगे हैं। आज हम देख रहे हैं कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। पिछले 9-10 वर्षों में हाई स्कूल और उसके बाद तक पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से भी ज्यादा है। इसी तरह चिकित्सा, खेल, व्यापार या राजनीति जैसे क्षेत्रों में भारत में न केवल महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है बल्कि वे आगे आकर नेतृत्व कर रही हैं।
‘आज भारत में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें महिला शक्ति का सामर्थ्य आता है नजर’
आज भारत में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें महिला शक्ति का सामर्थ्य नजर आता है। जिन करोड़ों लोगों को मुद्रा लोन दिए गए उनमें से करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी देश की महिलाएं हैं। ये करोड़ों महिलाएं अपने परिवार की आय ही नहीं बढ़ा रही हैं बल्कि अर्थव्यवस्था के नए आयाम भी खोल रही है। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से बिना गारंटी आर्थिक मदद देना हो पशुपालन को बढ़ावा देना हो, फिशरीज (मत्स्य पालन) को बढ़ावा देना हो, ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना हो, एफपीओ हो, खेलकूद हो इन सभी को जो प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उसका सर्वाधिक लाभ और अच्छे से अच्छे परिणाम महिलाओं के द्वारा आ रहे हैं।
‘इस बार के बजट में पीएम आवास योजना के लिए करीब 80 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं’
उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी के सामर्थ्य से हम देश को कैसे आगे ले जाएं और हम नारी शक्ति की सामर्थ्य को कैसे आगे बढ़ाएं, इसका प्रतिबिंब इस बजट में भी नजर आता है। उन्होंने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना का जिक्र किया जिसमें महिलाओं को 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलना है। पीएम मोदी ने कहा- “इस बार के बजट में पीएम आवास योजना के लिए करीब 80 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। ये राशि देश की लाखों महिलाओं के लिए घर बनाने में काम आएगी। भारत में बीते वर्षों में पीएम आवास योजना के जो 3 करोड़ से अधिक घर बने हैं उनमें से अधिकांश महिलाओं के ही नाम हैं।”
‘पीएम आवास योजना ने महिलाओं को घर के आर्थिक फैसलों में दी एक नई आवाज’
पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, वो भी एक जमाना था जब महिलाओं के लिए न तो कभी खेत उनके नाम होते थे, न खलिहान उनके नाम होते थे, न दुकान होती थी, न घर होते थे। आज इस व्यवस्था से उन्हें कितना बड़ा सपोर्ट मिला है। पीएम आवास योजना ने महिलाओं को घर के आर्थिक फैसलों में एक नई आवाज दी है।
‘आज 5 में से 1 गैर-कृषि व्यवसाय एक महिला द्वारा चलाया जाता है’
पीएम मोदी ने एसएचजी के बीच नए यूनिकॉर्न बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को समर्थन देने की घोषणा की जानकारी दी। पीएम ने बदलते परिदृश्य के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए देश के विजन की ताकत का उदाहरण दिया। आज 5 में से 1 गैर-कृषि व्यवसाय एक महिला द्वारा चलाया जाता है।
‘पिछले 9 वर्षों में 7 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी’
पिछले 9 वर्षों में 7 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। उनके मूल्य निर्माण को उनकी पूंजी की आवश्यकता से समझा जा सकता है क्योंकि इन स्वयं सहायता समूहों ने 6.25 लाख करोड़ रुपये का ऋण लिया है। पीएम ने कहा कि ये महिलाएं न केवल छोटे उद्यमियों बल्कि सक्षम संसाधन व्यक्तियों के रूप में भी योगदान दे रही हैं। उन्होंने बैंक सखी, कृषि सखी और पशु सखी कार्यक्रमों का उल्लेख किया जो गांवों में विकास के नए आयाम बढ़ा रहे हैं।
पीएम ने सहकारी क्षेत्र में परिवर्तन और इस क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में दो लाख से अधिक बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों, डेयरी सहकारी समितियों और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन किया जाना है। एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। महिला किसान और उत्पादक समूह इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
‘1 करोड़ से अधिक आदिवासी महिलाएं इन स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा’
मोदी ने श्री अन्ना के प्रचार में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि श्री अन्न में पारंपरिक अनुभव वाली 1 करोड़ से अधिक आदिवासी महिलाएं इन स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि हमें श्री अन्न से बने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के विपणन से संबंधित अवसरों का दोहन करना है। कई जगहों पर सरकारी संस्थाएं लघु वनोपज को संसाधित कर बाजार में लाने में मदद कर रही हैं। आज दूर-दराज के इलाकों में इतने स्वयं सहायता समूह बन गए हैं, हमें इसे व्यापक स्तर पर ले जाना चाहिए।
‘इस बजट में लाई गई विश्वकर्मा योजना एक प्रमुख भूमिका निभाएगी’
कौशल विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए, पीएम ने कहा कि इस बजट में लाई गई विश्वकर्मा योजना एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और एक सेतु के रूप में कार्य करेगी और महिला सशक्तिकरण के लिए इसके अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है। इसी तरह जेम और ई-कॉमर्स महिलाओं के व्यवसाय के अवसरों के विस्तार का जरिया बनते जा रहे हैं, स्वयं सहायता समूहों को जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उसमें नई तकनीकों को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
‘देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है’
पीएम ने दोहराया कि देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की बेटियों को राष्ट्रीय सुरक्षा की भूमिकाओं में और राफेल विमान उड़ाते हुए देखा जा सकता है, और जब वे उद्यमी बन जाती हैं और निर्णय और जोखिम लेती हैं, तो उनके बारे में सोच बदल जाती है।
‘महिलाओं के सम्मान और समानता की भावना के स्तर को बढ़ाकर ही भारत आगे बढ़ सकता है’
पीएम ने नगालैंड में पहली बार दो महिला विधायकों के हाल के चुनाव का उल्लेख किया, उनमें से एक ने मंत्री के रूप में भी शपथ ली। उन्होंने कहा- “महिलाओं के सम्मान और समानता की भावना के स्तर को बढ़ाकर ही भारत आगे बढ़ सकता है। मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि सभी महिलाओं-बहनों-बेटियों के रास्ते में आने वाली हर बाधा को दूर करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ें।”
पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लिखे गए लेख को उद्धृत करते हुए अपनी बात समाप्त की। राष्ट्रपति ने लिखा है- “हम सबकी, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की ये जिम्मेदारी है कि इस प्रगति को तेज गति प्रदान की जाए। इसलिए आज, मैं आप सबसे, प्रत्येक व्यक्ति से अपने परिवार, आप सबसे आस-पड़ोस या कार्यस्थल में एक बदलाव लाने के लिए स्वयं को समर्पित करने का आग्रह करना चाहती हूं।”