जेनेरिक दवाओं के उपयोग को लेकर साप्ताहिक जागरूकता अभियान सहित होंगे कई कार्यक्रम

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नई दिल्ली। देश के नागरिकों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत की थी।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जनता को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। इस साल फार्मास्यूटिकल्स विभाग 7 मार्च को 5वां जन औषधि दिवस मना रहा है।

जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि योजना के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के मकसद से फार्मास्यूटिकल्स विभाग 1 मार्च से (यानि आज से) 7 मार्च तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा। जन औषधि दिवस के संबंध में 1 से 7 मार्च तक विभिन्न शहरों में कार्यक्रमों आयोजित किए जा रहे हैं।

इस दौरान पीएमबीजेके के मालिकों, लाभार्थियों, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, नर्सों, फार्मासिस्टों और जन औषधि मित्रों को शामिल करने के लिए संगोष्ठी, बच्चों, महिलाओं और गैर सरकारी संगठनों के लिए कार्यक्रम, हेरिटेज वॉक, स्वास्थ्य शिविर और कई अन्य गतिविधियां हो रही हैं।

इन कार्यक्रमों के माध्यम से जेनेरिक दवाओं के उपयोग और जन औषधि योजना के लाभों और इसकी मुख्य विशेषताओं और उपलब्धियों के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है।

जागरूकता अभियान के पहले दिन आज ‘जन औषधि जन चेतना अभियान’ चलाया गया, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये जनता को इसके प्रति जागरूक किया गया।

आज यानी 1 मार्च को ‘जन औषधि जन-चेतना रथ’ को रवाना किया। यह रथ 6 राज्यों के 10 शहरों में नागरिकों को ‘जन औषधि परियोजना’ व केंद्रों पर मिलने वाली सस्ती व अच्छी दवाइयों के विषय में उन्हें जागरूक करेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने भी ट्वीट कर दी जानकारी –

केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि जन औषधि सस्ती और अच्छी है। हर वर्ष की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए देशभर में 5वां जन औषधि दिवस मनाया जाएगा।

2015 में शुरू हुई योजना –

केंद्र सरकार ने गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों को ध्यान में रखते हुए सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए साल 2015 में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ की शुरुआत की थी।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत, जनता को सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) खोले गए हैं।

जन औषधि दवाओं की कीमतें आम तौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50%-90% कम होतीं हैं। जेनेरिक दवाएं उन दवाओं को कहा जाता है जिनका कोई अपना ब्रांड नेम नहीं होता है, वह अपने सॉल्ट नेम से बाजार में जानी-पहचानी जाती है।

कौन-कौन सी दवाएं मिलती हैं –

PMBJP के उत्पाद संग्रह में 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उत्पाद शामिल हैं। मार्च 2025 तक 2000 दवाओं और 300 सर्जिकल उत्पादों को और शामिल करके का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर सभी आवश्यक दवाएं, जैसे- एंटी-डायबिटिक, कार्डियोवास्कुलर ड्रग्स, एंटी-कैंसर, एनाल्जेसिक और एंटीपायरेटिक्स, एंटी एलर्जी, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल एजेंट शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर आदि जैसी नई दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल्स उत्पाद भी लॉन्च किए गए हैं।

देशभर में सभी महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य सेवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, ‘जन औषधि सुविधा ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन’ देश भर के सभी प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं।

यहां मिलने वाले सेनेटरी नैपकिन की कीमत एक रुपये प्रति सैनिटरी पैड है। नवंबर, 2022 तक 31 करोड़ से अधिक पैड बेचे जा चुके हैं।

बता दें कि सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, नवंबर, 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) शुरू की गई थी।

31 जनवरी तक, 2023 तक, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़कर 9082 हो गई है। पीएमबीजेपी के तहत, देश के 764 जिलों में से 743 जिलों को कवर किया गया है। सरकार ने दिसंबर 2023 के अंत तक पीएमबीजेके की संख्या बढ़ाकर 10000 करने का लक्ष्य रखा है।



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