किसान रैली में हिंसाः टिकैत समेत छह किसान नेताओं पर केस, हिरासत में 200 उपद्रवी

Manish Kumar
बड़ी बात Published On :
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली परेड के दौरान हुए उपद्रव व हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने अब तक 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है।

पुलिस ने हिंसा, तोड़फोड़ और नियम तोड़ने की घटनाओं पर 22 एफआईआर दर्ज किए हैं, जिनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

एक एफआईआर में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह जैसे छह किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है। इन नेताओं ने उस एनओसी पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि मंगलवार 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं।

 

साथ ही कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों से आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन छीन ली थी, जो बाद में लाल किले में एक शख्स के हाथों में देखी गई।

उत्तर दिल्ली के कार्यवाहक डीसीपी संदीप ने बताया कि कई हिंसक लोग अचानक लाल किले पहुंच गए। वे किसान थे या फिर जो भी थे, उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने हम पर तलवारों और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को काबू करना हमारे लिए मुश्किल हो गया था।

किसानों से झड़प में घायल हुए वजीराबाद के एसएचओ पीसी यादव ने बताया कि

लाल किले में जब प्रदर्शनकारी घुसे थे, उस वक्त वहां हम ड्यूटी पर थे। हमने उन्हें प्राचीर से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे आक्रामक हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने जितना हो सका संयम रखा।

किसानों ने मंगलवार 26 जनवरी को लाल किले में घुसकर भारी तोड़फोड़ की थी। इनके वीडियो व तस्वीरें न्यूज एजेंसी एएनआई पर आईं हैं। हालांकि, इन आंदोलनकारियों को पुलिस ने तीन घंटे के अंदर ही वहां से खदेड़ दिया था।

एहतियातन लाल किले पर आज भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं और वहां रैपिड एक्शन फोर्स लगाई गई है। साथ ही साथ ही ड्रोन की मदद से यहां नजर रखी जा रही है।


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