मध्य प्रदेश चुनाव: वोटिंग के बाद विजयपुर में दलित समुदाय पर हमला, प्रशासन पर सवाल


मध्य प्रदेश के विजयपुर उपचुनाव के दौरान दलित बस्ती पर हमले और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वोट न देने पर उनके घरों को जलाया गया और अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ा गया। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे क्षेत्र में दहशत और असुरक्षा का माहौल है।


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मप्र के विजयपुर में हिंसा, उपचुनाव के पहले भी हुई थी हिंसा जो बाद में भी जारी रही

मध्य प्रदेश में दो विधानसभा सीटों- विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग हुई। विजयपुर में हिंसा की खबरें लगातार आ रही हैं। कांग्रेस इस बारे में चुनाव आयोग से शिकायत कर रही है। वोटिंग से दो दिन पहले शुरू हुई हिंसा चुनाव बाद तक जारी है। वोट नहीं देने पर कथित रूप से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत के समर्थकों ने दलित बस्ती में घरों को जला दिया है कांग्रेस भाजपा पर ऐसे आरोप लगा रही है। इस बारे में अब तक कई वीडियो जारी किए जा चुके हैं।

 

बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात गोहटा गांव में करीब 200 दबंगों ने दलित बस्ती में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान पहले पथराव किया फिर 4 कच्चे घरों, ट्रांसफार्मर और 4-5 बिजली पोल समेत पशुओं के चारे को आग के हवाले कर दिया आरोप है कि उपद्रवियों ने ट्रैक्टर से बिजली के खंभे उखाड़े।

डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी

इस घटना के दौरान गांव में लगी हुई भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ भी छेड़छाड़ कर उसे तोड़ दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि हमलोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिए उसी के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया है।घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। स्थिति ये है कि डर से पुलिस में कोई शिकायत तक करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। विजयपुर टीआई पप्पू सिंह यादव का कहना है कि हमारे पास शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे। चुनाव का तनाव तो रहता ही है।

विजयपुर के गोहटा गांव में पथराव और आगजनी की घटना के बाद पुलिस की दो गाड़ियां पहुंची थीं, जो वीडियो में साफ दिखाई दे रही हैं, लेकिन विजयपुर टीआई पप्पू सिंह यादव इस घटना की कोई शिकायत तक नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।

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ऐसे में आदिवासी सवाल उठा रहे हैं कि आगजनी और पथराव की घटना होने के बाद भी आरोपियों पर पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही। आरोपी उन्हें लगातार धमका रहे हैं। कानून नहीं बल्कि गुंडों का राज है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे हालात सिर्फ गोहटा गांव के नहीं बल्कि, सीखेड़ा गांव में भी हैं, जहां दलित आदिवासी परिवारों पर कहर बरपाया जा रहा है। एक महिला को वोटिंग के बाद रास्ते से गुजरते वक्त कुछ लोगों ने मिलकर पीट दिया। दूसरे लोगों को भी धमकाया जा रहा है। इससे इस पूरे क्षेत्र में आदिवासी डरे हुए हैं।


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