एंकर सुधीर चौधरी की कंपनी को DD न्यूज़ पर शो के लिए मिलेंगे 15 करोड़ रु! आपत्तियां दरकिनार


वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी की कंपनी एस्प्रिट प्रोडक्शन्स डीडी न्यूज़ पर एक नए शो के लिए प्रसार भारती से 15 करोड़ रुपये सालाना की डील पर बातचीत कर रही है।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :

सरकारी पैसे से चलने वाला दूरदर्शन एक नए समाचार प्रसारणकर्ता यानी टीवी एंकर को अपने साथ ला रहा है। जाने माने टीवी एंकर सुधीर चौधरी की कंपनी एस्प्रिट प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड (Essprit Productions Pvt Ltd) प्रसार भारती के साथ एक बड़े अनुबंध के लिए चर्चा में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कंपनी डीडी न्यूज़ पर एक नया शो प्रोड्यूस करने के लिए बातचीत कर रही है, जिसकी लागत ₹15 करोड़ प्रति वर्ष (जीएसटी अतिरिक्त) तय की गई है। यह शो सप्ताह में पाँच दिन प्रसारित होगा और कुल 260 एपिसोड बनाए जाएंगे।

हालांकि, इस डील पर प्रसार भारती की कानूनी शाखा ने कुछ आपत्तियाँ जताई हैं, क्योंकि यह Content Sourcing Policy, 2024 के कुछ प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। बावजूद इसके, प्रबंधन समिति ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। अब प्रसार भारती बोर्ड की अंतिम स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

क्या है डील का स्वरूप?

प्रस्तावित डील के अनुसार, एस्प्रिट प्रोडक्शन्स शो के लिए रिसर्च, स्क्रिप्टिंग और प्रोडक्शन में सहयोग करेगा, जबकि प्रसारण डीडी न्यूज़ स्टूडियो से होगा।

इस डील के तहत:

  • ₹15 करोड़ सालाना की लागत के अलावा जीएसटी भी शामिल होगा।
  • नॉमिनेशन बेसिस पर यह डील दी जा रही है, जिसे General Financial Rules, 2017 के नियम 194(3) और 194(4) के तहत स्वीकृति दी गई।
  • शो की पूरी कॉपीराइट डीडी न्यूज़ के पास होगी, लेकिन कंपनी को शो से जुड़े अन्य अधिकार मिल सकते हैं।
  • डीडी न्यूज़ की 10वीं मंजिल के स्टूडियो को नए शो के लिए तैयार करने हेतु ₹9.25 लाख का अतिरिक्त खर्च मंजूर किया गया है।
  • सुधीर चौधरी को बिजनेस क्लास फ्लाइट टिकट और 5-स्टार होटल में ठहरने की सुविधा दी जाएगी, जबकि टीम के अन्य सदस्यों के लिए पदानुसार व्यवस्था होगी।
  • हर साल कॉन्ट्रैक्ट की कीमत में 10% की वृद्धि की जाएगी।

सुधीर चौधरी का चयन कैसे हुआ?

सूत्रों के अनुसार, प्रसार भारती बोर्ड ने डीडी न्यूज़ के पुनर्गठन के तहत कुछ बड़े एंकर्स को लाने का फैसला किया था। इसके लिए एक सर्च और सेलेक्शन कमेटी बनाई गई, जिसकी अध्यक्षता अशोक टंडन ने की। इस कमेटी ने सुधीर चौधरी का चयन किया, क्योंकि:

  • सुधीर चौधरी भारत के सबसे चर्चित और विवादित टीवी न्यूज एंकरों में से एक हैं।
  • उनका टीआरपी रिकॉर्ड और सोशल मीडिया प्रभाव भी मजबूत है।
  • प्रमुख समाचार एंकर ओपन टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेना चाहते थे, इसलिए सिंगल-सोर्स सिलेक्शन को प्राथमिकता दी गई।

इसके बाद, प्रबंधन समिति की 239वीं बैठक में एक नेगोशिएशन कमेटी बनाई गई, जिसने फरवरी 2025 में पांच दौर की बातचीत के बाद यह डील तय की।

डील को लेकर कानूनी आपत्तियाँ क्यों?

प्रसार भारती की कानूनी शाखा ने इस अनुबंध की कुछ शर्तों पर आपत्ति जताई थी, जो कि Content Sourcing Policy, 2024 के नियमों के खिलाफ थीं। इनमें शामिल हैं:

भुगतान की शर्तें:

पॉलिसी के अनुसार, एडवांस भुगतान अंत में समायोजित होना चाहिए, लेकिन इस डील में मासिक भुगतान की छूट दी गई

अनुबंध समाप्ति की शर्तें:

पॉलिसी के अनुसार, एक महीने का नोटिस दिया जाना चाहिए, लेकिन इस डील में छह महीने का नोटिस तय किया गया।

विज्ञापन और मार्केटिंग अधिकार:

शो से जुड़े कुछ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार कंपनी के पास रहेंगे।

वार्डरोब क्रेडिट:

आमतौर पर, सरकारी प्रसारण चैनलों पर वार्डरोब स्पॉन्सर का उल्लेख नहीं किया जाता, लेकिन इस डील में यह छूट दी गई।

इसके बावजूद, प्रबंधन समिति ने इन सभी आपत्तियों को दरकिनार कर डील को हरी झंडी दे दी

सुधीर चौधरी और एस्प्रिट प्रोडक्शन्स का बैकग्राउंड

  • एस्प्रिट प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड जुलाई 2024 में रजिस्टर्ड हुई थी।
  • इसके डायरेक्टर सुधीर चौधरी और रतन लाल हैं।
  • सुधीर चौधरी इससे पहले ज़ी न्यूज़ के DNA शो के प्रमुख एंकर थे।
  • उन्होंने 2022 में ‘आज तक’ जॉइन किया था।

क्या यह डील विवादों में आ सकती है?

सरकारी प्रसारण चैनल पर एक प्राइवेट प्रोडक्शन कंपनी के साथ इतनी बड़ी डील को लेकर पारदर्शिता और नीतिगत सवाल उठ सकते हैं।

  • बिना टेंडर के किसी प्राइवेट कंपनी को इतनी बड़ी डील देना विवाद का विषय बन सकता है
  • कानूनी आपत्तियों के बावजूद डील को आगे बढ़ाना भी सवालों के घेरे में है।
  • इससे पहले भी सरकारी चैनलों पर राजनीतिक झुकाव और पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं

यदि यह डील पास होती है, तो डीडी न्यूज़ के लिए यह एक बड़ा बदलाव होगा। सुधीर चौधरी जैसे बड़े एंकर की मौजूदगी चैनल की टीआरपी और लोकप्रियता बढ़ा सकती है। लेकिन, इस डील पर नीतिगत पारदर्शिता,कानूनी प्रक्रिया और सरकारी प्रसारण में निजी हस्तक्षेप को लेकर गंभीर बहस भी हो सकती है।

साभार: न्यूज लाउंड्री


Related





Exit mobile version