नई दिल्ली। किसान आंदोलन का असर अब देश के दूसरे हिस्सों में भी पहुंच रहा है। इसी के तहत मुंबई में मंगलवार को हज़ारों की संख्या में किसान एकत्रित हुए और कृषि कानूनों का विरोध किया। इन किसानों ने कॉर्पोरेट्स के ख़िलाफ़ अपना विरोध जताते हुए अंबानी और अडानी उद्योगपतियों के कंपनी कार्यालयों के सामने जाकर विरोध जताया।
मुंबई में हुए इस विरोध प्रदर्शन में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से किसान पहुंचे। इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अहम भूमिका रही। जिन्होंने कहा कि कृषि मंत्री लोगों की आंख में धूल झोंंक रहे हैं। समिति ने भाजपा शासित हरियाणा, यूपी में गिरफ्तारी व दमन की कड़ी निन्दा की है। यहां महाराष्ट्र और पंजाब के कई नेताओं ने किसानों को संबोधित किया। समिति के मुताबिक इस दौरान करीब पंद्रह हजार किसानों ने प्रदर्शन में भाग लिया है।
प्रदर्शन करने वाले किसानों ने कृषि कानून रद्द किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को ठंड में पीड़ित होने देने के उद्देश्य से उनकी मांग नही मान रही है और जानबूझकर रद्द करने की मांग टाल रही है और कानून वापसी की किसानों की मांग को बंद कान व बंद दिमाग से सुन रही है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि कृषि मंत्री का पत्र दिखाता है कि सरकार किसानों की तीन नए कृषि कानून रद्द करने की मांग को हल नहीं करना चाहती। इनमें समस्या कानून के उद्देश्य में ही लिखी है, जो कहते हैं कि कॉर्पोरेट को अब कृषि उत्पाद में व्यापार करने की, किसानों को ठेकों में बांधने की और आवश्यक वस्तुओं को स्टाॅक कर कालाबाजारी करने की छूट होगी। यहां बताया गया कि भारत में चल रहे किसान आन्दोलन को दुनिया के 82 देशों में लोगों ने समर्थन किया है।
कृषि कानून के खिलाफ आज मुम्बई के बीकेसी इलाके में राज्य के कई किसान संघटन मिलकर रिलायंस के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले हैं.. यह किसान महाराष्ट्र के अलग अलग जगहों से मुम्बई पहुँच रहे हैं.. कुछ समय पहले किसानों का एक गुट ठाणे पहुँचा है.. गाड़ियों का काफिला लंबा है… pic.twitter.com/ujHzB2sCEo
— sohit mishra (@sohitmishra99) December 22, 2020
यहां पहुंचे प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि दुनिया भर में कॉर्पोरेट छोटे किसानों की जमीनें छीन रहे हैं और यही भारत में भी होने वाला है इसलिए उनका विरोध कॉर्पोरेट्स की ओर भी है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्यों ने बताया कि कृषि मंत्री ने जानबूझकर वार्ता के दौरान के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दावा किया है कि वे विनम्रता और खुले मन से चर्चा चाहते हैं। जबकि कई संगठनों ने सरकार को इन कानूनों को रद्द करने के लाखों पत्र भेजे हैं, जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया है। सदस्यों ने बताया कि हरियाणा में मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने वाले कई किसानों को उठाकर हिरासत में लिया गया है। उत्तर प्रदेश में फर्जी केस व कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हो रही है।