भोपाल। करणी सेना का भोपाल में हो रहा प्रदर्शन सरकार को परेशान कर रहा है। इस प्रदर्शन में तीन लाख से अधिक लोग पहुंचे हैं और ये लोग मध्यप्रदेश के लगभग हर शहर से हैं। वहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, उप्र और छत्तीसगढ़ से भी यहां लोग पहुंचे हैं। इनकी मांग अनुसुचित जाति-जनजाति आरक्षण के खिलाफ है और ये चाहते हैं कि अब आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके अलावा करणी सेना की 21 सूत्रीय मांगों में काफी कुछ है जो सरकार को परेशान कर सकता है। इन मांगों में रोजगार, टैक्स, वेतन विसंगती, कानून व्यवस्था तमाम मुद्दे हैं। जानिये क्या हैं करणी सेना की मांगें।
- जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था बंद कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए।
- एससी एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
- EWS आरक्षण में भूमि एवं मकान की बाध्यता को समाप्त कर 8 लाख रुपए वार्षिक आय निर्धारित की जाए।
- वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के बाद शेष बचे EWS वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ EWS वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जावे। EWS के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जावे।
- एससी एसटी एक्ट की तरह सामान्य पिछड़ा एक्ट बनाया जाए, जो सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के नागरिकों पर एससी एसटी द्वारा किए जाने वाले अत्याचार से रक्षा करें।
- प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51000 पदों पर न्यायसंगत रोस्टर के साथ भर्ती की जावे। माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जावे।
- भर्ती कानून बनाए जाए, प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाल जाए। व्यापम के 1 लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए और भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए।
- MPPSC की 2019, 20, 21 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाए व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल किया जाए।
- केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जावे।
- अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाये।
- किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके। रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जाए।
- खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें ) को GST से मुक्त किया जाए, बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
- क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे।
- सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जाए।
- राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश, जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाई जाए।
- गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए, गौशालाओं के स्तर में सुधार किया जाएं। गोबर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें, ताकि गौ पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े।
- पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाए।
- मप्र की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए, अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो।
- कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके अधिकार व सुविधा भी दी जाए। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन पुनः चालू की जाए।
- पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जाए ।
- सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्रायवेट स्कूलों की तरह किया जाए। ताकि छात्र प्रायवेट स्कूलों की तरफ ना भागे व प्रायवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जाए।