भोपाल। राज्य सरकार के दफ्तरों की सबसे अहम इमारत में से एक सतपुड़ा भवन में लगी आग ने बड़ा नुकसान किया है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, आर्थिक अपराध आदि की करीब बारह हजार फाइलें तो जली हीं हैं।
सरकार की छवि को भी धक्का लगा है कि 18 साल के लगातार शासन के दौरान भी इंतज़ाम इतने भी नहीं थे कि राजधानी के एक सबसे महत्वपूर्ण इलाके की सबसे जरुरी इमारत में लगी आग को भी नहीं बुझा सकी।
जब आग लगी उस समय इमारत के इस हिस्से में करीब एक हजार लोग मौजूद थे। स्थानीय प्रशासन को सबसे ज्यादा चिंता भी इसी बात से थी। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह अन्य प्रशासनिक अफसरों के साथ इस दौरान लगातार मौजूद रहे।
वहीं राजनीतिक रुप से भी सरकार पर काफी सवाल उठ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि सवाल यह उठता है कि यह आग लगी है लगवाई गई है।
सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने सवाल उठाया है कि है आग लगी है यह लगवाई गई है!@OfficeOfKNath
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सतपुड़ा भवन में लगी आग को कांग्रेस ने एक प्रयोजित आग बताया है और एक तरह से कहा है कि चुनाव से पहले लगी यह आग सुबूतों को खत्म करने के लिए है। आग सोमवार शाम को चार बजे लगी और इसे बुझाने में करीब सोलह घंटे लग गए।
मंगलवार सुबह करीब नौ बजे तक भी इमारत के कुछ हिस्सों से धुआं उठ रहा था। इस आग को बुझाने के लिए सीआईएसएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी और एयर फोर्स की मदद ली गई। पुराने फर्नीचर और कागज़ों के कारण यह आग और भड़क गई।
सीएम शिवराज ने सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर जांच के आदेश दिए।@ChouhanShivraj https://t.co/bySYY19byJ
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अब जब आग बुझ चुकी है तो सीएम शिवराज सिंह चौहान की बनाई हुई कमेटी इसकी वजहों की जांच करेगी। इस कमेटी के अफसरों की टीम मंगलवार सुबह सतपुड़ा भवन पहुंची हालांकि टीम एक बजे तक अपनी यह जांच शुरू होगी। इस जांच समिति में ACS होम राजेश राजौरा शामिल हैं।
आग को लेकर सरकार का अंदाज़ा है कि इसकी वजह शॉट सर्किट रही होगी। अब तक की जानकारी के अनुसार आग से प्रभावित कार्यालयों में 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट हुए हैं। आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने CM हाउस में घटना को लेकर रिव्यू बैठक बुलाई है। सोमवार रात गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
भोपाल में सरकारी इमारत सतपुड़ा भवन में लगी भीषण आग। स्वास्थ्य संचालनालय में एसी में शॉट सर्किट बताया गया इसकी शुरुआती वजह।#MadhyaPradesh #bhopal #fire pic.twitter.com/uBVQUV540O
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सोमवार रात से ही आग बुझाने की कोशिशें नाकाम रहीं। इससे सरकार खासी परेशान नजर आई। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगी। बताया गया कि रात में ही AN 32 विमान और MI-15 हेलिकॉप्टर आने वाले थे, लेकिन मंगलवार सुबह तक ऐसा नहीं हुआ।
CM शिवराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इसे लेकर फोन पर बात की और उन्हें घटना की जानकारी दी तथा जरूरी मदद मांगी। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आग ऊपर की मंजिलों में थी और वहां पर ज्वलनशील सामग्री थी, इसलिए इतना समय लग गया।
सतपुड़ा भवन में जिस तरह यह प्रायोजित आग की आशंका मैंने 15 दिन पहले पत्रकार वार्ता में जताई थी: केके मिश्रा, कांग्रेस प्रवक्ता@KKMishraINC @shiv pic.twitter.com/sULa8bhA5p
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वहीं कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि चुनावों में हार के डर से सतपुड़ा भवन में यह आग लगाई गई है। कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी बयान दिया कि उन्होंने कुछ ही दिनों पहले एक प्रेसवार्ता में इसकी आशंका जताई थी।
इसके अलावा कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, विधायक जीतू पटवारी, पीसी शर्मा आदि कई नेताओं इस आग पर सवाल उठाए। इन नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने भ्रष्टाचार के सुबूत मिटाए हैं।
इन आरोपों पर भाजपा ने भी पलटवार किया। प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि, ये गिद्ध रूपी चारित्रिक कांग्रेस है। इसे लाशों पर राजनीति करने में मजा आता है। दुर्घटनावश लगी आग पर मखौल उड़ाने में मजा आता है। ये अपने आप में दुखद है। आग पर काबू पाने के लिए खुद मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही, आग पर काबू पा लिया जाएगा।