दस हजार करोड़ का बीज घोटाला! पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप शिवराज सरकार ने तालाब और बंजर जमीन में उगाए बीज


मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर किसानों से किए वादे अधूरे रखने और बीज घोटाले का आरोप लगाया। पटवारी ने कहा कि किसानों को घटिया बीज देकर भ्रष्टाचार किया गया। बीजेपी ने आरोपों को खारिज कर जांच की मांग की, जबकि चौहान ने आरोपों को बेबुनियाद बताया।


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बड़ी बात Updated On :

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखे आरोप लगाए हैं। पटवारी ने कहा कि संसद में किसानों को लेकर बड़े-बड़े भाषण देने वाले चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री अपने राज्य के किसानों से किए वादे नहीं निभाए। उन्होंने याद दिलाया कि चौहान ने गेहूं और धान के लिए क्रमशः 2700 रुपये और 3100 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था, जो आज भी अधूरा है।

बीज घोटाले का आरोप: पटवारी ने बीज कंपनियों पर 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नत किस्मों के बीजों के बजाय घटिया क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बीज उत्पादक कंपनियों और राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था पर मिलीभगत से किसानों को तीन गुना दाम पर घटिया बीज बेचने का आरोप लगाया। पटवारी ने कहा कि कागजों पर किसानों का फर्जी पंजीकरण दिखाकर “तालाब और बंजर जमीन” पर उन्नत किस्मों के बीज का उत्पादन बताया जा रहा है। यह सीधे तौर पर किसानों के साथ लूट है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।

 

भ्रष्टाचार के विस्तृत मामले: पटवारी ने उज्जैन सहित कई जिलों में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बीज कंपनियां प्याज, आलू, चना, मटर से गेहूं का उत्पादन बताकर प्रतिवर्ष करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रही हैं। फर्जी बीज की पाठशाला में अमरूद, नींबू से सोयाबीन और चारा को गेहूं बताने जैसे काम भी कागजों में किए जा रहे हैं। प्रदेश में रकबे को 10 से 100 गुना अधिक बताने की जालसाजी का बड़ा खेल चल रहा है।

किसानों के साथ आपराधिक अन्याय: पटवारी ने कहा कि अगर सरकार देश के किसानों से ऐसे ही झूठ बोलती रही, तो यह अन्न उपजाने वाले किसानों के साथ आपराधिक अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि सरकार कागजी आंकड़ों के भरोसे झूठे बयान देना बंद करे और पहले मध्य प्रदेश के सभी किसानों से किए वादों को पूरा करे। पटवारी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से बीज प्रमाणीकरण संस्था बीज उत्पादक कंपनियों से संधि कर कागजों में उन्नत बीज की पैदाइश बताकर सामान्य फसल पर टैग लगाकर बेच रही है।

 

फर्जी निरीक्षण प्रतिवेदन: पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में खरीफ और रबी के मौसम में 31 लाख क्विंटल से 38 लाख क्विंटल उन्नत एवं संकर बीज की जगह बोगस बीज को प्रमाणीकरण कर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीज प्रमाणीकरण संस्था के अधिकारी फर्जी निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार कर रहे हैं, जिसमें न तो कृषक का फोटो देखा गया है और ना ही हस्ताक्षर मिले हैं। अधिकांश निरीक्षण प्रतिवेदन में कृषक के खेत की जगह अन्य स्थानों के फोटो चस्पा किए जा रहे हैं।

पटवारी और सकलेचा ने कहा कि किसानों ने खेत में प्याज, लहसुन, मटर, चना, आलू की फसल लगाई, लेकिन सर्वे के आधार पर गेहूं का उत्पादन बताकर बीज प्रमाणीकरण कर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्नत बीज के नाम पर गरीब किसानों से प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ रुपये की लूट के कारण किसान बेहाल होकर आत्महत्या कर रहे हैं।

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर लगे आरोपों की प्रतिक्रिया

शिवराज सिंह चौहान और उनकी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने हमेशा किसानों के हित में काम किया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने असफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। बीजेपी ने पटवारी के आरोपों को राजनीतिक चाल बताते हुए कहा कि कांग्रेस केवल चुनावी लाभ के लिए किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही है।

 

जांच की मांग: जीतू पटवारी और उनके समर्थकों ने इस मुद्दे पर व्यापक जांच की मांग की है। उन्होंने उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच आयोग गठित करने की मांग की है जो बीज घोटाले की गहन जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए। पटवारी ने कहा कि इस मामले में लिप्त सभी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनकी लड़ाई में उनके साथ है और न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगी। पटवारी ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मामले में उचित कदम नहीं उठाए, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।


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