सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: अनुसूचित जातियों में ‘क्रीमी लेयर’ को आरक्षण से बाहर करना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों में 'क्रीमी लेयर' को आरक्षण से बाहर करने की आवश्यकता बताई है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि यह नीति वास्तविक समानता सुनिश्चित करेगी। न्यायमूर्ति गवई और अन्य जजों ने इस विचार का समर्थन किया, जिससे आरक्षण का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को मिल सके।

 

1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों (SC) के ‘क्रीमी लेयर’ को आरक्षण के लाभ से बाहर करने की आवश्यकता जताई। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में यह अवधारणा केवल अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए लागू होती है, लेकिन इसे SC के लिए भी लागू किया जाना चाहिए।

 

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और अन्य छह जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। छह में से चार जजों ने ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान और उसे आरक्षण के दायरे से बाहर करने की बात कही।

 

जस्टिस बी.आर. गवई ने अपने निर्णय में कहा, “राज्य को अनुसूचित जातियों और जनजातियों में ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए ताकि उन्हें आरक्षण के लाभ से बाहर किया जा सके।” उन्होंने कहा कि केवल यही वास्तविक समानता को सुनिश्चित कर सकता है।

 

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पंकज मित्थल ने भी इस विचार का समर्थन किया। जस्टिस मित्थल ने कहा कि आरक्षण का लाभ केवल पहली पीढ़ी तक सीमित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर उच्च पदों पर पहुंच गए हैं, उनके बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

 

जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि SC और ST के ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान करना संवैधानिक आवश्यकता बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि समानता के संवैधानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि आरक्षण का लाभ केवल उन लोगों को मिले जो वास्तव में पिछड़े हैं।

 

जस्टिस गवई ने कहा कि ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान के लिए SC और ST के लिए अलग मापदंड होने चाहिए, जैसे कि OBC के लिए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर उच्च पदों पर पहुंच गए हैं, वे अब पिछड़े नहीं माने जा सकते और उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

 

इस निर्णय के अनुसार, राज्य सरकारों को SC और ST के ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान के लिए एक स्पष्ट नीति बनानी होगी ताकि वास्तविक जरूरतमंद लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिल सके।

First Published on: August 1, 2024 6:04 PM