नई दिल्ली। अग्निपथ योजना पर सवाल उठाने वाली सभी याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थीं लेकिन अब इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हामी भर दी है। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने इसके लिए सहमति दी है। हालांकि यह पीठ शुरू में याचिका पर विचार करने को लेकर राजी नहीं थी और बैंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह हाईकोर्ट से ही उनके फैसले की समीक्षा के लिए कहे।
इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि यह याचिका भर्ती पर रोक लगाने से संबंधित है। इसके बाद कोर्ट ने वकील से एक नोट प्रस्तुत करने को कहा और फिर मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गए। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 10 अप्रैल का दिन चुना है। तीन जजों की बैंच ने कहा कि ‘संबद्ध पक्षों के वकील सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम दो दिन पहले ई-मेल के जरिये अपनी संक्षिप्त दलीलें दाखिल करेंगे।’
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका पर 27 फरवरी को निर्णय देते हुए कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रहित में तैयार की गई है। इस दौरान कोर्ट ने योजना की वैधता पर सवाल उठाने वाली कई याचिकाओं को एक साथ खारिज कर दिया था और इसे केंद्र का ‘सुविचारित’ नीतिगत निर्णय करार दिया था।