वर्चुअल चुनावी रैलियों पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा चुनावी सभा पर रोक लगाने के आदेश पर स्टे दे दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नियमों को तोड़ने के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


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नई दिल्ली/भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा चुनावी सभा पर रोक लगाने के आदेश पर स्टे दे दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नियमों को तोड़ने के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

इस मामले में चुनाव आयोग और ग्वालियर सीट से भाजपा के उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ग्वालियर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

इसके साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी रैलियों में कोरोना गाइडलाइंस लागू करवाने के लिए समय पर कदम नहीं उठाने को लेकर चुनाव आयोग की भी खिंचाई की।

साथ ही राजनीतिक दलों को फटकार लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया, उसके लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि

हाईकोर्ट ने अपना काम अच्छे से किया, लेकिन अब दखल देने की जरूरत नहीं। चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी संभालनी चाहिए और काम का ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जो सभी के लिए अच्छा हो।

सुप्रीम कोर्ट 6 हफ्ते बाद फिर इस मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने फिजिकल रैली पर रोक लगाते हुए सिर्फ वर्चुअल रैली करने का आदेश दिया था।

अगर कहीं वर्चुअल रैली संभव नहीं हो तो डीएम की इजाजत से ही फिजिकल प्रचार किया जाएगा। डीएम को भी पहले चुनाव आयोग से मंजूरी लेनी होगी और चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट को इतनी रकम जमा करवानी होगी कि रैली में जुटने वाले लोगों के लिए मास्क और सैनिटाइजर खरीदे जा सकें।


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