छेड़छाड़ के एक मामले में इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस


याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को जारी किया है और उनसे सहयोग की अपील की है। उनके जवाब के बाद ही मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी।



बड़ी बात Updated On :

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई की गई। इस मामले में कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को नोटिस जारी किया है।

यह याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ थी जिसमें कोर्ट ने छेड़छाड़ के एक आरोपी को केवल इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह शिकायतकर्ता से राखी बंधवाने का अनुरोध करेगा। इस आदेश के ख़िलाफ़ यह याचिका 9 महिला वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से दायर की गई थी।

याचिका में कहा गया है कि कोर्टों के इस तरह के निर्णय महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की गंभीरता को नुकसान पहुंचाते हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने तीस जुलाई को उज्जैन जिले की आरोपी विक्रम बागरी की जमानत के लिए यह शर्त रखी थी।

कोर्ट ने कहा कि वह रक्षा बंधन के दिन तीन अगस्त को मिठाई लेकर अपनी पत्नी के साथ सुबह ग्यारह बजे शिकायतकर्ता के घर जाए और उसे राखी बांधने का आग्रह करे। हाईकोर्ट ने अपनी इस शर्त में कहा था कि आरोपी शिकायतकर्ता से राखी बंधवा कर उसे रक्षा का वचन देगा।

इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी को शिकायतकर्ता के भाई के रूप में परंपरा के अनुसार उसे ग्यारह हजार रूपए तथा उसके बेटे को कपड़े और मिठाईयों के लिए पांच हजार रूपए उपहार में देने के लिए भी कहा। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता महिला वकीलों की ओर से वरिष्ठ वकील संजय पारेख केस की पैरवी की।

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के इस शर्त वाली निर्देश के मामले में वह ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि सभी हाई कोर्ट और निचली अदालतों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट से निर्देश चाहते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को जारी किया है और उनसे सहयोग की अपील की है।

वेणुगोपाल के जवाब के बाद ही अब मामले में आगे सुनवाई की जाएगी। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने यह शर्त रख कर आरोपी को शिकायतकर्ता से संपर्क करने का निर्देश भी दिया है। इसके अलावा याचिका में कहा गया कि यौन हिंसा के अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़िता से शत्रुता का व्यवहार भी कर सकता है।


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