नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी के लखीमपुर खीरी मामले के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी और एक हफ्ते में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। एफआईआर, पीड़ित परिवार के पक्ष और बाकी तमाम बिंदुओं पर विचार करते हुए आशीष की जमानत तत्काल रद्द की जाती है।
आशीष मिश्रा के लिए राहत की एक खबर यही है कि वह फिर से जमानत की अपील कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि नए सिरे से जमानत के लिए वह फिर से इलाहाबाद कोर्ट में फ्रेश याचिका दायर कर सकते हैं। उस पर हाईकोर्ट फिर से विचार कर सकता है। तो, एक दरवाजा आशीष मिश्र के लिए अब भी खुला हुआ है।
Lakhimpur Kheri violence case | Supreme Court remands the matter back to the Allahabad High Court to hear the issue afresh
— ANI (@ANI) April 18, 2022
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शाश्वत आनंद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब आशीष के पास चार ही रास्ते बचते हैं।
- सरेंडर करने की अवधि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने अर्जी डाल सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू/रीकॉल अर्जी दाखिल कर सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट से रिव्यू/रीकॉल एप्लिकेशन खारिज होने के बाद 5 जजों के सामने क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल कर सकते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन भी खारिज होने पर, कुछ समय बाद दोबारा फ्रेश बेल एप्लिकेशन डाल सकते हैं।
शाश्वत आनंद ने कहा कि ये देखने वाली बात होगी कि फ्रेश बेल एप्लिकेशन डालते वक्त, पिछली बेल एप्लिकेशन के बाद से बदली हुई परिस्थितियों को भी दिखाया गया है कि नहीं।
दूसरी तरफ, किसान नेता राकेश टिकैत ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट तो अच्छा ही काम करता है। बशर्ते उसे काम करने दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘हम धन्यवाद देते हैं सुप्रीम कोर्ट का जो उसने एक सही फैसला दिया। सरकार की तरफ से पैरवी होनी चाहिए। उसकी तरफ से ढिलाई रही। सरकार मंत्री के साथ खड़ी रही। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है।’
Muzaffarnagar, UP: SC felt that the facts were not presented by the UP govt,hence cancelled the bail plea. We've trust in judiciary&hope that in coming times farmers will get justice: BKU leader Rakesh Tikait on SC cancelling bail of Ashish Mishra in Lakhimpur Kheri violence case pic.twitter.com/X9EDIlQicJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 18, 2022
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी। आशीष 15 फरवरी को 129 दिनों बाद जेल से रिहा हुआ था। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को किसान-आंदोलन के दौरान ही बवाल हुआ था।
तीन गाड़ियां प्रदर्शन कर रहे लोगों को कुचलते हुए चली गई थीं। घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। गाड़ी से कुचलकर मारे गए किसानों के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।