सफल रहा एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-3 का परीक्षण, तीन वर्जनों में होगा उत्पादन


हैदराबाद की रक्षा कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल अमोघा-3 की डिजाइन तैयार की है। दूसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा की रेंज 2.5 से 2.8 किमी तक है।


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नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए भारत ने अपनी मिसाइल क्षमता को तेजी से विस्तृत किया है। इसी क्रम में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-3 के लैंड वर्जन का सफल परीक्षण किया गया।

‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देते हुए रक्षा कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) ने तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल अमोघा-3 मिसाइल को विकसित किया है, जिसका मंगलवार, 28 मार्च को परीक्षण किया गया। इस मिसाइल ने अन्य एंटी टैंक मिसाइलों की तरह ही अपने निर्धारित टारगेट को हिट किया।

हैदराबाद की रक्षा कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल अमोघा-3 की डिजाइन तैयार की है। दूसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा की रेंज 2.5 से 2.8 किमी तक है।

मिसाइल की रेंज विकसित करने के लिए मध्य प्रदेश के बबीना आर्मी रेंज में सितंबर, 2015 में दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया था। परीक्षण में दोनों मिसाइलों ने सटीकता के साथ अपने-अपने लक्ष्य को भेदा। मिसाइल का प्रदर्शन उन्नत लक्ष्य प्राप्ति प्रणाली के गनर और कमांडर दोनों तरीके से मापा जाता है।

तीन वर्जन में किया जा रहा तैयार –

दूसरी पीढ़ी की यह मिसाइल लैंड वर्जन, एयर-लॉन्च वर्जन और पोर्टेबल वर्जन में विकसित की जा रही है। इसके एयर-लॉन्च वर्जन को रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टरों के लिए तैयार किया जा रहा है।

बीडीएल के मुताबिक तीसरी पीढ़ी की मिसाइल का उत्पादन तीन वर्जन में किया जाएगा, जिसमें लैंड, एयर-लॉन्च और पोर्टेबल वर्जन होगा। आज हुए भूमि संस्करण के परीक्षण में मिसाइल के इन्फ्रारेड ने अपने लक्ष्य पर हमला करने के लिए ‘थर्मल इंटेलिजेंट विजन’ का उपयोग किया।

आधुनिक तकनीकों का हुआ है इस्तेमाल –

बीडीएल ने 7 फरवरी, 2020 को लखनऊ में डिफेंस एक्सपो में तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-3 का अनावरण किया था।

मिसाइल में पारंपरिक बेलनाकार बॉडी, आठ मिड-बॉडी फोल्डेबल फिन्स और फ्लाइट स्टेबिलाइजेशन के लिए चार बड़े आफ्टर फिन्स हैं। पूरी प्रणाली में मिसाइल तिपाई और रिमोट ऑपरेशन क्षमता के साथ एक कमांड लॉन्च यूनिट (सीएलयू) है।

क्या है मिसाइल की खासियत –

बीडीएल के अनुसार यह मिसाइल थ्रस्ट वेक्टर नियंत्रण के साथ डुअल-थ्रस्ट रॉकेट मोटर से संचालित है, जिसमें धुआं नहीं होता है। टर्मिनल सीकर में डुअल मोड इमेजिंग इंफ्रारेड और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल असेंबली है। अमोघा-3 मिसाइल लॉन्च से पहले टारगेट लॉक करके टॉप अटैक और डायरेक्ट अटैक मोड में टारगेट को हिट कर सकती है।

मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन को हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अटैक हेलीकॉप्टर रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टरों के लिए तैयार किया जा रहा है। इस मिसाइल से लैस होकर दोनों हेलीकॉप्टर सेना और वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ाएंगे।


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