न्याय के लिए पिछड़ों, दलित और आदिवासियों की हुंकार, बंडा में दुष्कर्म की घटना के विरोध में सागर में बड़ा प्रदर्शन


दुष्कर्म की घटना ने ओबीसी समुदाय को एकजुट कर दिया है और अब दलित और आदिवासी भी इस विरोध में शामिल हो रहे हैं। रैली में प्रीतम सिंह लोधी ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ हिस्सा लिया।


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बड़ी बात Updated On :

भोपाल। सागर जिले के बंडा में एक नाबालिग बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद से सरकार का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को सागर के कजलीवन मैदान पर एक बड़ी जनसभा हुई जिसमें ओबीसी वर्ग के लोगों के सहित दलित और आदिवासी समुदायों के भी लोग शामिल हुए।

इस रैली में पहुंचने वालों की संख्या कई हजारों में रही। जाहिर है यह पिछड़े वर्ग के लोगों का सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन है जिसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा।

सागर की रैली में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग (via: Twitter)

इन सभी वर्गों के नेताओं ने एक सुर में घटना के आरोपी 53 वर्षीय अरुण मिश्रा पर कड़ी कार्रवाई न करने की सूरत में सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

घटना में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से समाज के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता यहां पहुंच थे। इनमें हाल ही में भाजपा से निष्कासित किए गए प्रीतम सिंह लोधी भी रहे जिन्हें ब्राह्मण और कथावाचकों के खिलाफ़ बोलने पर पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।

इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और देश के नेता डॉ आनंद राय भी यहां पहुंचे। वहीं  भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के भी कई नेता यहां मौजूद रहे। रैली के लिए भीड़ जुटाने में ओबीसी महासभा ने लगातार काम किया। महासभा के नेता महेंद्र सिंह लोधी लगातार इसके लिए जनसंपर्क करते नजर आए।

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ आनंद राय भी पहुंचे

जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने कहा अगर बेटी को न्याय नहीं मिलता है तो वे विधानसभा का घेराव करेंगे। निर्भया केस की वकील समृद्धि कुशवाहा भी यहां पहुंची।

कार्यक्रम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी तैयारियां की हुई थी।

सागर में इस तरह के विरोध प्रदर्शन की तैयारी काफी दिनों से की जा रही थी। इसके पीछे बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना बड़ी वजह है। कुछ दिनों पहले बंडा के खेजड़ाभेड़ा गांव में लोधी समुदाय की एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था जिसके बाद पुलिस ने 56 वर्षीय आरोपी अरुण मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इसके बाद लगातार आरोपी मिश्रा पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाने लगी और बात समाज के टकराव तक पहुंच गई। इस दौरान प्रीतम सिंह लोधी का मामला भी सामने आया। वहीं दलित आदिवासियों के लिए बनाए गए राजनीतिक और सामाजिक दलों ने भी इस मांग को भरपूर बल दिया। इन सभी संगठनों के लोगों ने सोशल मीडिया पर लोगों को जोड़ने के लिए बड़ा अभियान चलाया और घर घर जाकर सागर की रैली में लोगों को आने के लिए तैयार किया।

 

 


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