नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: 18 की मौत, रेलवे ने जारी की मृतकों की सूची, मुआवजे की घोषणा


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को भगदड़ में १८ लोगों की मौत हो चुकी है। भगदड़ की वजह रेलवे की लापरवाही बताई जा रही है।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 के पास हुई, जब प्रयागराज एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई। रेलवे मंत्रालय ने इस हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा,  “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की खबर से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। घायल जल्द ठीक हों, यही प्रार्थना करता हूं।” 

कैसे हुई यह भगदड़?

शनिवार रात करीब 9:55 बजे, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर अचानक भीड़ बढ़ गई। प्रयागराज में महाकुंभ मेले के कारण हजारों श्रद्धालु ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचे थे।

रेलवे पुलिस उपायुक्त (DCP) केपीएस मल्होत्रा ने बताया, “प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर थी, जबकि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस के यात्री भी प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। ट्रेनें लेट थीं, और इस दौरान करीब 1,500 जनरल टिकट बिक चुके थे, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।”

भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कुछ यात्री बेहोश होकर गिर पड़े। अफवाह फैल गई कि भगदड़ मच गई है, जिससे यात्रियों में घबराहट और अफरा-तफरीका माहौल बन गया। लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे और कई यात्री नीचे गिरकर बुरी तरह कुचल गए।

दमकल विभाग और रेलवे का बयान

दिल्ली दमकल विभाग को रात 9:55 बजे स्टेशन से इमरजेंसी कॉल मिली। सूचना मिलते ही चार दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। रेलवे ने अपने बयान में कहा, “अचानक भीड़ बढ़ने से कुछ लोग गिर गए और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। यात्रियों में घबराहट फैल गई और वे भागने लगे, जिससे हालात और बिगड़ गए।” घायलों को तुरंत लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने 15 लोगों को मृत घोषित कर दिया

मृतकों की सूची जारी

दिल्ली पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले 18 लोगों की सूची जारी की है:

  1. आहा देवी, पत्नी रविंद्र नाथ, निवासी बक्सर, बिहार (79 वर्ष)
  2. पिंकी देवी, पत्नी उपेंद्र शर्मा, निवासी संगम विहार, दिल्ली (41 वर्ष)
  3. शीला देवी, पत्नी उमेश गिरी, निवासी सरिता विहार, दिल्ली (50 वर्ष)
  4. व्योम, पुत्र धर्मवीर, निवासी बवाना, दिल्ली (25 वर्ष)
  5. पूनम देवी, पत्नी मेघनाथ, निवासी सारण, बिहार (40 वर्ष)
  6. ललिता देवी, पत्नी संतोष, निवासी परना, बिहार (35 वर्ष)
  7. सुरुचि, पुत्री मनोज शाह, निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार (11 वर्ष)
  8. कृष्णा देवी, पत्नी विजय शाह, निवासी समस्तीपुर, बिहार (40 वर्ष)
  9. विजय साह, पुत्र राम सरूप साह, निवासी समस्तीपुर, बिहार (15 वर्ष)
  10. नीरज, पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी वैशाली, बिहार (12 वर्ष)
  11. शांति देवी, पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी नवादा, बिहार (40 वर्ष)
  12. पूजा कुमारी, पुत्री राज कुमार मांझी, निवासी नवादा, बिहार (8 वर्ष)
  13. संगीता मलिक, पत्नी मोहित मलिक, निवासी भिवानी, हरियाणा (34 वर्ष)
  14. पूनम, पत्नी वीरेंद्र सिंह, निवासी महावीर एन्क्लेव, दिल्ली (34 वर्ष)
  15. ममता झा, पत्नी विपिन झा, निवासी नांगलोई, दिल्ली (40 वर्ष)
  16. रिया सिंह, पुत्री ओमप्रकाश सिंह, निवासी सागरपुर, दिल्ली (7 वर्ष)
  17. बेबी कुमारी, पुत्री प्रभु साह, निवासी बिजवासन, दिल्ली (24 वर्ष)
  18. मनोज, पुत्र पंचदेव कुशवाहा, निवासी नांगलोई, दिल्ली (47 वर्ष)

 

 

इस घटना के बाद सरकार पर लोगों की नाराजगी काफी ज्यादा दिखाई दे रही है, राजनीतिक दल सरकर पर हमलावर हैं, इस भगदड़ को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “रेलवे और सरकार की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। महाकुंभ के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए थी।”    वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा, “रेलवे की व्यवस्थागत विफलता के कारण यह त्रासदी हुई है। इसकी उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।” 

रेलवे पर उठे सवाल

इस दर्दनाक हादसे के बाद रेलवे की यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं:

  1. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल क्यों नहीं था?
  2. महाकुंभ मेले के मद्देनजर अतिरिक्त ट्रेनों और सुविधाओं की योजना क्यों नहीं बनाई गई?
  3. आपातकालीन सेवाएं समय पर क्यों नहीं पहुंचीं?

रेलवे प्रशासन ने आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन यात्रियों और मृतकों के परिजनों का कहना है कि रेलवे की लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ गई है। इस मामले में रेलवे के अधिकारी पूरी तरह विफल दिखाई दिए।


Related





Exit mobile version