नई दिल्ली। केंद्र सरकार में मंत्री रहे दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा के पांच सांसदों ने मिलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है।
इसके साथ ही चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है।
उधर, सर्वसम्मति से पशुपति कुमार पारस को पार्टी का नेता चुन लिया गया है। चौधरी महबूब अली कैसर उप नेता बनाए गए हैं।
Pashupati Kumar Paras unanimously elected as the Lok Janshakti Party (LJP) Parliamentary party leader in Lok Sabha; a meeting was held on 13th June.
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— ANI (@ANI) June 14, 2021
इसके साथ ही लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज की चिराग से राहें अलग हो गई हैं। पार्टी में इस टूट की वजह भाजपा और जदयू के बीच चिराग को लेकर जारी तकरार को माना जा रहा है।
पशुपति पारस का कहना है कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं है बल्कि बचाया है, क्योंकि उनके बड़े भाई के निधन के बाद असामाजिक तत्व पार्टी में आ गए हैं। इसको लेकर देशभर के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी है।
There are 6 MPs in our party. It was the desire of 5 MPs to save our party. So, I've not broken the party, I've saved it. Chirag Paswan is my nephew as well as party's national president. I have no objection against him: LJP MP Pashupati Kumar Paras pic.twitter.com/CZqO9zAreo
— ANI (@ANI) June 14, 2021
रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। बाद में पांचों सांसदों ने अपने फैसले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी दी। सांसदों ने उन्हें इस संबंध में आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया।
सोमवार को ये सांसद चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी देंगे। उसके बाद अपने फैसलों की आधिकारिक घोषणा भी करेंगे। उधर, पार्टी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने ऐसी किसी टूट से इनकार किया है।
इस बीच, चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने दिल्ली स्थित उनके सरकारी निवास पर गए। हालांकि उन्हें यहां 20 मिनट इंतजार करना पड़ा। चिराग पासवान खुद गाड़ी चलाकर वहां पहुंचे।
Delhi: LJP national president Chirag Paswan arrives at the residence of party MP and uncle Pashupati Kumar Paras, to meet him. pic.twitter.com/SetC1c4hMa
— ANI (@ANI) June 14, 2021
जानकारी के मुताबिक, इन सांसदों ने नई पार्टी बनाकर उसकी मान्यता लेने की योजना बनाई है। कहीं-कहीं यह भी कहा जा रहा है कि ये जदयू में शामिल हो सकते हैं। बता दें, दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनके बेटे चिराग पासवान के हाथ में पार्टी की कमान है।
पार्टी में अंदरखाने इसी का विरोध हो रहा था, जो खुलकर सामने आ गया है। आगे हो सकता है कि ये सांसद पार्टी नेतृत्व में बदलाव से मान जाएं यानी चिराग पासवान के हाथ से निकलकर पार्टी की कमान पशुपति पासवान के पास जा सकती है।