नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ तकरीबन दो माह से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस 26 जनवरी पर दिल्ली में निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ती दिख रही है।
वीएम सिंह की अगुवाई वाली राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने बुधवार को शाम साढ़े चार बजे खुद को आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी। साथ ही चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने भी आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रमुख वीएम सिंह ने कहा कि कोई आंदोलन इस तरह नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।
This is the decision of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & not of AIKSCC (All India Kisan Sangharsh Coordination Committee). This is the decision of VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & all office bearers: VM Singh, National Convener of Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan pic.twitter.com/dTtW45ZMXL
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वहीं, चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा पर दुख जताया और आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। भानुप्रताप सिंह बोले कि मंगलवार को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं बहुत आहत हूं और 58 दिनों का अपना विरोध खत्म कर रहा हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
I am deeply pained by whatever happened in Delhi yesterday and ending our 58-day protest: Thakur Bhanu Pratap Singh, president of Bharatiya Kisan Union (Bhanu) at Chilla border pic.twitter.com/5WNdxM9Iqo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 27, 2021
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए हिंसा के मामले में 22 एफआईआर दर्ज किए हैं। इनमें से एक एफआईआर में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह जैसे किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
इन सभी के खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है क्योंकि इन नेताओं ने उस एओसी पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी।
BKU spox Rakesh Tikait's name mentioned in an FIR by Delhi Police. The FIR mentions multiple IPC sections, including sec 307 (attempt to murder), 147 (punishment for rioting) & 353 (assault/criminal force to deter public servant from discharge of his duty): Delhi Police
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वहीं, दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि रैली से पहले टिकैत का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें टिकैत लोगों से बात करते हुए कह रहे थे कि लाठी-गोती भी साथ रखना अपनी, झंडा लगाने के लिए, समझ जाना सारी बात।
अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या टिकैत के कहने पर ही प्रदर्शनकारी लाठियां लेकर पहुंचे थे। इस पर सफाई देते हुए टिकैत बुधवार को कहा कि उन्होंने कहा था कि अपनी लाठियां साथ लाना। लेकिन, उन्हें बिना डंडे वाला एक भी झंडा दिखा दें तो अपनी गलती मान लूंगा।
#WATCH | Undated, viral video of Rakesh Tikait appealing to his supporters to be armed with lathis & be ready to save their land.
Parvina with details. pic.twitter.com/90IFV0hh94
— TIMES NOW (@TimesNow) January 27, 2021