सीधी बस हादसाः सीएम शिवराज ने सीधी आरटीओ, रोड डेवलपमेंट जीएम व एजीएम को किया निलंबित


सीधी बस हादसे के बाद सीएम शिवराज का बड़ा एक्शन। एमपीआरडीसी के डिविजनल मैनेजर, एजीएम, मैनेजर और सीधी आरटीओ को किया निलंबित। कहा- रोड मेंटनेंस की जिम्मेदारी में लापरवाही हुई है और रोड जाम की स्थिति निर्मित होने की जवाबदेही तो बनती ही है।


Manish Kumar
बड़ी बात Published On :
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सीधी। सीधी जिले के रामपुर नैकिन के पास स्थित बाणसागर नहर में हुई बस दुर्घटना में खस्ताहाल सड़क और जाम की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी आरटीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

इसके साथ ही साथ मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन यानी एमपीआरडीसी के डि‍विजनल मैनेजर, एजीएम और मैनेजर को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।

बुधवार को जिले एक दिवसीय दौरे के दौरान मृतकों के परिजनों से मुलाकात के बाद कलेक्ट्रेट सभागार में करीब 10 बजे जिला एवं संभागीय मुख्यालय के समस्त अधिकारियों की करीब आधे घंटे बैठक लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा में सीएम ने कहा कि घटना में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। आम जनों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद पता चला है कि छुहिया घाटी में आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।

रोड की स्थिति भी ठीक नहीं है। 2017 तक मेंटेनेंस का कार्य होता रहा है, लेकिन इसके बाद सुधार का कार्य नहीं हो पाया है। छुहिया घाटी मार्ग में अत्यधिक ट्रैफिक होने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है।

उन्होंने कहा कि सड़क की स्थिति सुधारने शीघ्र ही कार्य प्रारंभ करेंगे। इसके लिए रोड डेवलपमेंट के अधिकारियों को रात में ही बुलाया गया है। रोड निर्माण के लिए जरूरी है कि वहां के मार्ग को बदला जाए। इसके लिए वैकल्पिक रोड की व्यवस्था भी बनाएंगे। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अभी जिगना से भरतपुर और गड्डी रोड को लिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा है कि घाटी में ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित होने की किसी ना किसी की जवाबदेही बनती ही है। व्यवस्था सुधारने में कोई कसर नहीं छोडूंगा। जांच के बाद जो भी दोषी मिलेंगे वह दंड भुगतने के लिए तैयार रहें।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसे में जिनकी मौत हुई है, उन्हें वापस तो नहीं ला सकते लेकिन परिवार का साथ देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। पीड़ित परिवारों के लिए अन्य व्यवस्था कर सकें, इसके लिए उनकी सूची बनाई जाएगी। रोजगार-पढ़ाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा। सरकार से जितना भी बन पड़ेगा उनकी बेहतरी के लिए करेंगे।


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