पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता बूटा सिंह का निधन


पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता बूटा सिंह का 86 वर्ष की उम्र में शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पीएम मोदी व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बूटा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।


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नई दिल्ली। पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता बूटा सिंह का 86 वर्ष की उम्र में शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद रहे बूटा सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में गृह, कृषि, रेल, खेल और अन्य विभागों के मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।

इसके अलावा बूटा सिंह ने बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली थी।

बूटा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया है- ‘बूटा सिंह जी एक अनुभवी प्रशासक थे। गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने मजबूती से आवाज उठाई। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’

पीएम मोदी के अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बूटा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

इंदिरा गांधी के लिए हमेशा रहे वफादार – 

1977 में जनता पार्टी की लहर के चलते कांग्रेस बुरी तरह से हार गई थी। इसके बाद पार्टी विभाजित भी हो गई थी। तब बूटा सिंह ने इंदिरा गांधी की अगुआई वाली कांग्रेस के इकलौते राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत के बाद पार्टी को 1980 में फिर से सत्ता में लाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी।

आठ बार चुने गए लोकसभा सांसद – 

बूटा के परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए।



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