बच्चों ने दी थी राहुल गांधी को अपनी गुल्लक, ED ऐसी नाराज़ हुई कि मां-बाप को लगानी पड़ी फांसी!


ईडी के अफसरों पर लगाए गंभीर आरोप, मृतक के बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी।


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बड़ी बात Updated On :

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में शुक्रवार सुबह कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार का शव उनके घर में फांसी पर लटका मिला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। पुलिस को मौके से 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ED के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मृतक कारोबारी ने अपने सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि ED की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

मनोज परमार, जो एक स्थानीय व्यापारी थे, पिछले कुछ समय से ईडी और सीबीआई की जांच के घेरे में थे। 5 दिसंबर को ईडी ने उनके इंदौर और आष्टा स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा। परिवार का आरोप है कि इस कार्रवाई के दौरान ईडी अधिकारियों ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।

इस घटना के आठ दिन बाद, शुक्रवार सुबह उनके पड़ोसियों ने परमार के घर का दरवाजा बंद देखा और पुलिस को सूचना दी। दरवाजा खोलने पर मनोज और उनकी पत्नी के शव फंदे से लटके हुए मिले। पुलिस ने बताया कि दंपति ने आत्महत्या करने से पहले 5 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा, जिसे कई प्रमुख हस्तियों और संस्थानों को भी भेजा गया था। घटना के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख जीतू पटवारी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे और और कई कांग्रेसी नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। पूर्व सीएम कमलनाथ ने तो इसे हत्या बताया।

ईडी की छापेमारी: परिवार पर दबाव कैसे बना?

5 दिसंबर की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने मनोज परमार के घर पर छापेमारी की। उन्होंने घर की तलाशी ली और परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों को बंद करवा दिया और परिवार के सदस्यों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया।

मनोज ने सुसाइड नोट में लिखा कि ईडी की टीम ने उनके घर से 10 लाख रुपये नकद और 70 ग्राम सोने के गहने जब्त किए, लेकिन इसका कोई जिक्र पंचनामे में नहीं किया गया। नोट में उन्होंने लिखा, “ये रकम मैंने अपनी पत्नी के बैंक लोन के निपटारे के लिए रिश्तेदार से उधार ली थी, लेकिन ईडी अधिकारियों ने इसे जब्त कर लिया और कागजों में इसका कोई जिक्र नहीं किया।”

राहुल गांधी को गुल्लक भेंट: क्या यही थी उत्पीड़न की वजह?

सुसाइड नोट और परिजनों के बयानों में बार-बार इस बात का जिक्र है कि मनोज परमार और उनका परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ था। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनकी बेटी जिया ने राहुल गांधी को एक गुल्लक भेंट की थी, जिसमें उन्होंने आम जनता से समर्थन में इकट्ठा की गई राशि रखी थी।

कांग्रेस का आरोप है कि इस घटना के बाद मनोज परमार भाजपा और ईडी के निशाने पर आ गए। सुसाइड नोट में भी मनोज ने लिखा कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें बार-बार धमकाया और कहा कि “अगर तुम भाजपा में होते, तो तुम पर कोई कार्रवाई नहीं होती। राहुल गांधी भी तुम्हें बचा नहीं पाएंगे।”

सुसाइड नोट के गंभीर आरोप

मनोज परमार के सुसाइड नोट में ईडी अधिकारियों पर कई चौंकाने वाले आरोप लगाए गए हैं और साथ ही राहुल गांधी से एक अपील भी की गई है।

  1.  “अधिकारियों ने मेरे कंधों पर जूते रखकर मुझे अपमानित किया। उन्होंने कहा, ‘यही तेरी औकात है। अगर भाजपा में शामिल हो जाओ, तो मामला खत्म हो जाएगा।'”
  2.  “उन्होंने बार-बार मेरे बच्चों पर दबाव डाला कि वे भाजपा ज्वाइन करें और राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनाएं। ऐसा न करने पर उन्होंने झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।”
  3.  “ईडी की टीम ने मुझसे कई दस्तावेजों पर जबरन साइन करवाए और मेरे घर की रजिस्ट्री भी जब्त कर ली। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किन कागजों पर साइन लिए।”
  4.  “मैं कांग्रेस के नेताओं और राहुल गांधी से निवेदन करता हूं कि मेरे बच्चों की जिम्मेदारी उठाएं। मेरी मौत को व्यर्थ न जाने दें।”

 कांग्रेस हमलावर…

इस घटना के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तीखे आरोप लगाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “मनोज परमार को कांग्रेस से जुड़े होने की सजा दी गई। भाजपा ने ईडी को राजनीतिक हथियार बनाकर उनके खिलाफ इस्तेमाल किया।” पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना को “सरकारी प्रताड़ना से हुई हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि “मनोज परमार और उनकी पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया।” वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस मामले का राजनीतिकरण कर रही है।

 बच्चे हुए अनाथ

मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं – जिया (18), जतिन (16), और यश (13)। बच्चों ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारियों ने उनके माता-पिता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बेटे जतिन ने कहा कि “मेरे माता-पिता को बार-बार धमकाया गया और कहा गया कि वे भाजपा में शामिल हो जाएं। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई।”

 

 


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