संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई नई रणनीति, चुनाव वाले राज्यों में ऐसे बिगाड़ेगी भाजपा का खेल


केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए व विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ बीते तीन माह से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने अब चुनावी राज्यों में भाजपा का खेल बिगाड़ने का फैसला कर लिया है।


Manish Kumar Manish Kumar
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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए व विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ बीते तीन माह से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने अब चुनावी राज्यों में भाजपा का खेल बिगाड़ने का फैसला कर लिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर एक आम बैठक आय़ोजित की जिसमें आने वाले दिनों में कार्रवाई के कार्यक्रम के लिए कई फैसले लिए गए।

इसके बाद वहीं पर आय़ोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने जानकारी दी कि चुनाव वाले राज्यों में संगठन किसान नेताओं को भेजेगा, ताकि वहां के किसानों से भाजपा को हराने की अपील की जा सके।

इसके साथ ही 6 मार्च 2021 को दिल्ली बॉर्डर्स पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन हो जाएंगे। उस दिन दिल्ली व दिल्ली बॉर्डर्स के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। यह सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम किया जाएगा। यहां टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त किया जाएगा।

शेष भारत में आंदोलन को समर्थन के लिए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने के लिए भी आह्वान किया है।

8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा। देश भर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरनास्थल 8 मार्च को महिलाओ द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी।

संयुक्त किसान मोर्चा ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च 2021 को ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ का समर्थन करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। एसकेएम इस दिन को ‘कॉरपोरेट विरोधी’ दिवस के रूप में देखते हुए ट्रेड यूनियनों के इस आह्वान का समर्थन करेगा और एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले है, उन राज्यो में भाजपा की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता को एक अपील करेगा। एसकेएम के प्रतिनिधि भी इस उद्देश्य के लिए इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

SKM पूरे भारत में एक “MSP दिलाओ अभियान” शुरू करेगा। अभियान के तहत, विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा।

यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे।



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