नई दिल्ली। किसान बिल के खिलाफ़ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन का 26 नवंबर, गुरुवार को पहला दिन रहा। इस दौरान किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। हरियाणा की खट्टर सरकार इसे लेकर काफी सक्रिय है। यहां की पुलिस किसी भी तरह किसानों को दिल्ली तक पहुंचने से रोकने का प्रयास कर रही है।पहले किसानों को जगह-जगह से गिरफ्तार किया, तेज पानी के बौछार और अब दिल्ली को सील कर उन पर आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं। आंदोलन में शामिल किसानों ने बताया कि एक ओर सरकार और नेता आज 26 नवंबर को संविधान दिवस की बधाईयां लोगों को दे रहे हैं और दूसरी ओर इसी दिन सरकारें शांतिपूर्ण विरोध करने के उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहीं हैं।
Rohtak: Security deployed at Rohtak-Jhajjar border, in view of farmers' 'Delhi Chalo' protest march pic.twitter.com/rrJltpWq8h
— ANI (@ANI) November 26, 2020
हरियाणा और दिल्ली से सटे सीमाओं के पास पुलिस और सुरक्षा बल के जवान किसानों को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
Haryana: Farmers gathered in Karnal to protest against farm laws, on their way to Delhi
"They have barricaded the roads but we're still going to walk through. The public is facing problems. They shouldn't have closed the road," says a protestor pic.twitter.com/WMzFXI477r
— ANI (@ANI) November 26, 2020
अम्बाला के पास शम्भू बॉर्डर पर किसानों पर आंसूं गैस के गोले फेंके जा रहे हैं।
#WATCH Police use tear gas shells to disperse farmers who are gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana) to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws pic.twitter.com/ER0w4HPg77
— ANI (@ANI) November 26, 2020
उत्तर भारत में फिलहाल मौसम काफी सर्द है और किसानों को रोकने के लिए उन पर वॉटर कैनन इस्तेमाल किये जा रहे हैं।
#WATCH Police use water cannon to disperse farmers gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana), to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws pic.twitter.com/U1uXO0MdOs
— ANI (@ANI) November 26, 2020
बुधवार देर रात आगरा में यूपी पुलिस ने नर्मदा बचाव आन्दोलन के नेता मेधा पाटकर, महाराष्ट्र की किसान आदिवासी नेता प्रतिभा शिंदे सहित कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश से दिल्ली आ रहे किसानों को भी पुलिस ने रोक दिया था।
Activist @medhanarmada who has been stopped along with hundreds of #farmers (women & youth from many states) by the @Uppolice questions the arbitrary mid night harassment of the State that is denying farmers the right to protest peacefully. #farmersdillichalo #ScrapFarmActs pic.twitter.com/osf61W3pm2
— Meera Sanghamitra (@meeracomposes) November 25, 2020
दिल्ली और हरियाणा सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। दिल्ली की सीमा को चारों ओर से सील कर दिया गया है।
Heavy security deployment at Singhu border (Delhi-Haryana border) in view of farmers' 'Delhi Chalo' call pic.twitter.com/E0hWSicuk9
— ANI (@ANI) November 26, 2020
पजाब कके फतेहगढ़ साहब से दिल्ली के लिए निकले किसानों का काफिला।
Farmers from #Punjab's Fatehgarh Sahib move towards Delhi to protest against the farm laws passed by the Centre pic.twitter.com/jWkaK7RA5K
— ANI (@ANI) November 26, 2020
मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ आज दिल्ली में दस लाख किसान इकट्टा होने वाले थे लेकिन किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए मोदी और हरियाणा और यूपी सरकारों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
Haryana: Heavy security deployed on Delhi-Jammu highway near Karna Lake in Karnal, in view of farmer's protest march to Delhi
A commuter says, " The highway has been blocked since late last night. Many vehicles are stuck here." pic.twitter.com/OkFKHXAi2o
— ANI (@ANI) November 26, 2020
किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पहली बार किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अपनी बात रखी है। केजरीवाल ने खेती बिलों को किसान विरोधी बताया है और उन्होंने किसानों के प्रदर्शन को दबाए जाने को भी गलत बताया है।
केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
बता दें आज किसानों के साथ-साथ तमाम ट्रेड यूनियनों ने भी मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया है।
West Bengal: Members of Communist Party of India (Marxist–Leninist) Liberation, CPI(M) and Congress block railway track in Jadavpur as trade unions observe nationwide strike against new labour policies introduced by the Centre pic.twitter.com/h37MVHSuYI
— ANI (@ANI) November 26, 2020
Bhubaneswar: Members of Odisha Nirmana Sramik Federation, All India Central Council of Trade Unions & All Orissa Petrol & Diesel Pump Workers Union hold demonstration as trade unions have called for a nationwide strike against Centre's new labour laws pic.twitter.com/ufVwyQD4La
— ANI (@ANI) November 26, 2020
मजदूर विरोधी श्रम कानूनों और रेलवे सहित तमाम सार्वजानिक क्षेत्रों के उद्योगों के निजीकरण के खिलाफ भी आज देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
Kerala: Bus services affected, markets closed in Kochi as trade unions have called for a nationwide strike against Centre's new labour and farm laws pic.twitter.com/uLCuegOIdX
— ANI (@ANI) November 26, 2020