लोकसभा में राहुल गांधी का सरकार पर तीख़ा हमला: ‘चक्रव्यूह’ से की केंद्रीय बजट की तुलना

राहुल ने कहा नब्बे प्रतिशत भारत जातीय जनगणना चाह रहा है क्योंकि वह जानना चाहता है कि हमारी भागीदारी कितनी है।

भारतीय संसद में सोमवार को बजट सत्र के छठे दिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की। राहुल ने कहा, “हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर छह लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के आकार में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।”

राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में बढ़ई और मोची से मुलाकात की थी। “बढ़ई ने कहा कि वह टेबल बनाता है, लेकिन जिस शोरूम में ये टेबलें बिकती हैं, वहां जाने का उसे अधिकार नहीं है। मोची ने भी कहा कि उसका सम्मान केवल उसके पिता ने किया था,” राहुल ने कहा।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है, जो कमल के फूल के रूप में है। “इस चक्रव्यूह के बीच में छह लोग हैं: नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडानी और अंबानी,” राहुल ने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि चक्रव्यूह देश का स्वभाव नहीं है और हिंसा और नफरत भारत की पहचान नहीं हो सकती। “हर धर्म चक्रव्यूह के खिलाफ खड़ा होता है। शिव की बारात में सभी का स्वागत है, गुरुनानक जी की सेवा में किसी को रोका नहीं जा सकता, इस्लाम में किसी को मस्जिद से बाहर नहीं किया जा सकता,” राहुल ने कहा।

राहुल गांधी के इस बयान पर सत्तापक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल को टोका और कहा, “आपके सदस्यों ने भी कई बार कहा है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए।” इस पर राहुल ने जवाब दिया, “अगर आप कहते हैं तो मैं एनएसए, अंबानी और अडाणी का नाम निकाल देता हूं और सिर्फ तीन नाम लूंगा।”

राहुल ने 46 मिनट के अपने भाषण में चार बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया और दो बार मुंह पर उंगली रखी। राहुल ने हलवा सेरेमनी का पोस्टर भी लहराया, जिससे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया। स्पीकर ने राहुल को चार बार टोका।

संसद का मानसून सत्र अभी भी जारी है और पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजियों का दौर चल रहा है। राहुल गांधी के बयान ने सत्तापक्ष के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के भीतर भी खलबली मचा दी है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच इस घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

राहुल गांधी के इस भाषण ने न सिर्फ संसद बल्कि सोशल मीडिया पर भी जोरदार प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। राहुल के आरोपों और तुलना पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल ने एक सटीक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।

First Published on: July 29, 2024 4:45 PM