कतर ने भारत के फ्रोजेन सीफूड पर लगाया गया अस्थायी प्रतिबंध हटाया


कतर के अधिकारियों ने यह प्रतिबंध अस्थायी रूप से और फुटबॉल आयोजन के लिए उनके देश में पर्याप्त परीक्षण प्रयोगशालाओं की कमी के कारण लगाया गया था।


DeshGaon
बड़ी बात Published On :
frozen seafood

नई दिल्ली। कतर ने भारत से फ्रोजन सीफूड (समुद्री खाद्य) के आयात पर अस्थायी प्रतिबंध हटा दिया है। इस फैसले से भारत से सीफूड का निर्यात बढ़ने के साथ ही पश्चिम एशियाई देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का रास्ता भी खुला है।

फीफा विश्व कप से पहले लगा था बैन –

भारतीय फ्रोजन सीफूड पर कतर ने यह प्रतिबंध पिछले साल नवंबर में फीफा विश्व कप से ठीक पहले लगाया था। फीफा विश्व कप से पहले ही भारत से कतर पहुंचे फ्रोजन सीफूड के कई खेपों में विब्रियो हैजा (Vibrio cholera) के विषाणु कथित रूप पाए गए थे, जिसके बाद कतर अधिकारियों ने भारत के सीफूड पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।

बता दें कि कतर के अधिकारियों ने यह प्रतिबंध अस्थायी रूप से और फुटबॉल आयोजन के लिए उनके देश में पर्याप्त परीक्षण प्रयोगशालाओं की कमी के कारण लगाया गया था।

वाणिज्य विभाग ने इस मामले को उठाया –

इस प्रतिबंध को लगाए जाने के बाद से कतर स्थित भारतीय दूतावास के साथ भारत सरकार का वाणिज्य विभाग इस मुद्दे के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहा था।

कतर के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श के लिए लगातार कई बैठकें आयोजित की गई थी। इसके परिणामस्वरूप 16 फरवरी को जारी अधिसूचना में फ्रोजन सीफूड लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया। हालांकि, चिल्ड सीफूड के निर्यात पर प्रतिबंध को जारी रखा गया है।

चीन ने भी हटाया प्रतिबंध –

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) के अध्यक्ष डी.वी. स्वामी ने कहा कि यह सप्ताह भारत में समुद्री खाद्य निर्यातकों के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है।

कतर से पहले चीन ने भी इसी तरह की रोक को हटाई है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि स्थिति का फिर से मूल्यांकन करने के बाद कतर की ओर से चिल्ड सीफूड पर लगे प्रतिबंधों को भी जल्द ही हटा दिया जाएगा।

बता दें, इस सप्ताह की शुरुआत में यानी 14 फरवरी को बीजिंग ने स्रोत नियंत्रण पर भारत के आश्वासन को मंजूर करने के बाद 99 भारतीय सीफूड प्रसंस्करण निर्यातकों पर लगाई गई रोक को हटा दिया था।

दिसंबर, 2020 से MPEDA ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कुल 110 इकाइयों पर बीजिंग की ओर से लगाई गई रोक को हटाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।



Related