प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद पर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की और देशवासियों से अपील की कि ऐसे युवाओं को राजनीति में अवसर दिया जाए जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध न हो। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि राजनीति में नई सोच और नए विचारों को प्रोत्साहन मिले, जिससे लोकतंत्र और मजबूत हो सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि देश को एक लाख ऐसे युवाओं की जरूरत है जो राजनीति में अपने परिवार की परंपरा के बिना शामिल हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे युवा राजनीति के विभिन्न स्तरों पर, जैसे ग्राम पंचायत, नगर पालिका, जिला परिषद, विधानसभाओं या लोकसभा में शामिल हो सकते हैं। उनका कहना था कि ये युवा किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा बन सकते हैं, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि राजनीति से मुक्त होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने इस कदम को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र को नई ऊर्जा मिलेगी और राजनीति में एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा। प्रधानमंत्री ने देश को इस दिशा में कदम बढ़ाने का आवाहन किया, जिससे राजनीति में नई पीढ़ी का योगदान सुनिश्चित हो सके और देश का लोकतंत्र और अधिक समृद्ध हो।