जल जीवन मिशन में किया बेहतरीन काम, अब इन महिलाओं को राष्ट्रपति देंगी स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल सखी अनीता चौधरी को “स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान-2023” के लिए चयनित होने पर बधाई दी है।


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नई दिल्ली। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान के तहत 4 मार्च से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जल जीवन मिशन में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को “स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान- 2023” से सम्मानित भी करेंगी।

इस वर्ष उत्तराखंड की दो महिला सरपंचों और मध्यप्रदेश की एक जल सखी का चयन स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 के लिए हुआ है। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की कविता देवी तथा देहरादून जिले की निकिता चौहान के अलावा मध्यप्रदेश की जल सखी अनीता चौधरी को स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 से सम्मानित किया जाएगा।

जल संरक्षण और उसके सदुपयोग का संदेश देकर महिलाओं को जागरूक करने वाली मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के गढ़मऊ निवासी अनीता चौधरी को यह पुरस्कार जल जीवन मिशन में किए जा रहे अनुकरणीय प्रदर्शन और उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है।

वहीं भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर से सरपंच कविता देवी तथा देहरादून जिले से सरपंच निकिता चौहान को अपने गांवों को ODF (खुले में शौच से मुक्त) प्लस मॉडल बनाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य तथा असाधारण योगदान देने हेतु स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 के लिए चयनित किया गया है।

मुख्यमंत्रियों ने भी दी बधाई –

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल सखी अनीता चौधरी को “स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान-2023” के लिए चयनित होने पर बधाई दी है।

सीएम ने ट्वीट कर लिखा है- “छिंदवाड़ा जिले की जल सखी अनीता चौधरी ने जल-संरक्षण और उसके सदुपयोग का अप्रतिम संदेश देकर महिलाओं को जागरूक करने का अनुकरणीय कार्य किया है। उनके सम्मानित होने से प्रदेश गौरवांवित होगा।”

वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बागेश्वर जिले की कविता देवी तथा देहरादून जिले की निकिता चौहान को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 के लिए चयनित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

जल सखी किसे कहते हैं –

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में जल समितियां ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव करती हैं।

इन समितियों में 10-15 सदस्य होते हैं, जिनमें कम-से-कम 50% महिला सदस्य एवं स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा), आंगनवाड़ी, शिक्षक आदि शामिल होते हैं।

समितियों में शामिल इन महिलाओं को ही जल सखी कहते हैं। जल सखी ग्रामीण इलाकों में वर्षा जल की बर्बादी रोककर उसके जल संरक्षण और पानी के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करती है।

“स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान- 2023” से सम्मानित होने वाली स्व-सहायता समूह की सदस्य अनीता जल सखी ने जल कर वसूली के कार्य को बखूबी निभाते हुए ग्राम को शत-प्रतिशत जल कर वसूली की श्रेणी में ला दिया है।

उनके प्रयासों से ग्राम गढ़मऊ जल जीवन मिशन में हर घर जल ग्राम घोषित है। अनीता के प्रयासों में सहभागिता निभाने और जल रूपी जीवन को बचाने के लिए ही उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है।

क्या है जल जीवन मिशन –

पीएम मोदी की पहल पर जल शक्ति मंत्रालय ने सभी ग्रामीण नागरिकों तक पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के लिए स्वच्छ जल की सुविधा घर-घर में उपलब्ध करवाती है।

इस योजना को राज्यों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस मिशन का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल कनेक्शन देना है। अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय देश में केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे।

6 फरवरी 2023 तक जल जीवन मिशन के तहत पिछले साढ़े तीन वर्षों में लगभग 7.87 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस तरह 6 फरवरी 2023 तक देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग 11.10 करोड़ (57%) घरों में नल से जल का कनेक्शन दिया जा चुका है।


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